समाजवादी पार्टी के साथ जुड़कर राजनीति में संभावनाएं तलाश रहे मास्टर प्रमोद वर्मा ने मंगलवार को लखनऊ में कांग्रेस का दामन थाम लिया। उनका कहना है कि वह पार्टी मुखिया अखिलेश यादव से अनुमति लेने के बाद वह कांग्रेस में गए हैं। प्रमोद वर्मा के कांग्रेस ज्वाइनिंग से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इसे उनका मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
संवाद सूत्र, सीतापुर। समाजवादी पार्टी के साथ जुड़कर राजनीति में संभावनाएं तलाश रहे मास्टर प्रमोद वर्मा ने मंगलवार को लखनऊ में कांग्रेस का दामन थाम लिया। उनका कहना है कि वह पार्टी मुखिया अखिलेश यादव से अनुमति लेने के बाद वह कांग्रेस में गए हैं।
प्रमोद वर्मा के कांग्रेस ज्वाइनिंग से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इसे उनका मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। बहरहाल, कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी वाट्सएप की डीपी पर वह सपा मुखिया के साथ ही हैं।
शिक्षक की नौकरी से प्रमोद वर्मा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर वर्ष 2001 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था। इसके अगले वर्ष उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लहरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इसमें उन्हें 29 हजार 500 वोट मिले थे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2012 में एक बार लहरपुर विधान सभा क्षेत्र से बतौर भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार चुनाव लड़ा। इसमें उन्हें करीब 14 हजार वोट मिले। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली थी।
वह पिछले कई वर्षों से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे थे।
आएनडीआइए गठबंधन में सीतापुर लोकसभा क्षेत्र सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। ऐसे में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। वाट्सएप डीपी पर अभी भी उनकी फोटो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ लगी है।
उन्होंने बताया कि वह टिकट के लिए कांग्रेस में गए हैं। मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश कार्यालय प्रभारी दिनेश सिंह ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्कर्ष अवस्थी ने बताया कि उनको टिकट के लिए 30 आवेदन मिले हैं। उनमें एक आवेदन मास्टर प्रमोद वर्मा का है।
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