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इधर परीक्षा शुरू हुई… उधर होने लगी नकल, पेपर लीक में आया टीसीएस का नाम, कंपनी के तीन अधिकारी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीतापुर के एक केन्द्र में आयोजित नर्सिंग ऑफिसर परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में में तीन टीसीएस कंपनी के अधिकारी हैं जिन्होंने कंपनी के भरोसे का फायदा उठाकर पेपर लीक किया। पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप मोबाइल और डायरी जब्त किए हैं। पुलिस ने कंपनी पर कार्रवाई के लिए लिखा पढ़ी शुरू कर दी है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 09 Aug 2024 05:35 PM (IST)
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तालगांव पुलिस की हिरासत में आरोपित: साभार पुलिस
संवाद सूत्र, सीतापुर। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) की नर्सिंग ऑफिसर परीक्षा में परीक्षा केंद्र के दो कर्मचारियों और परीक्षा आयोजक कंपनी के तीन अधिकारियों ने मिलकर सॉफ्टवेयर एक्सटेंशन तकनीक का इस्तेमाल कर पहले पर्चा निकाला, फिर उत्तर पुस्तिका तैयार करके अभ्यर्थियों में बांट दी। 

टीसीएस कंपनी के तीन अधिकारी गिरफ्तार

इस मामले में आठ नकलची अभ्यर्थी समेत परीक्षा केंद्र के एक कर्मचारी को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है। टीसीएस कंपनी (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के तीन अधिकारियों और परीक्षा केंद्र के एक कर्मचारी को पुलिस ने गुरुवार देर रात कोतवाली देहात के बिजवार रेलवे ओवर ब्रिज के पास से गिरफ्तार किया है। 

आरोपियों से तीन लैपटॉप, पांच मोबाइल, एक प्रिंटर और तीन डायरी बरामद की गई हैं। आरोपियों ने 22 अभ्यर्थियों को नकल कराने का प्रयास किया था। इसमें आठ को नकल कराने में वो सफल रहे थे। 

पुलिस ने नकलची अभ्यर्थियों के अभ्यर्थन निरस्त कराने के साथ ही परीक्षा केंद्र और टीसीएस कंपनी पर कार्रवाई के लिए लिखा पढ़ी शुरू कर दी है। 

परीक्षा शुरू होते ही करने लगे नकल

परीक्षा 16 जुलाई को केपी सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी धोंधी में हुई थी। इस इंस्टीट्यूट में दो पालियों में परीक्षा आयोजित थी। दूसरी पाली में 153 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे। 

परीक्षा शुरू होते ही कुछ परीक्षार्थी पर्ची निकालकर सवाल हल करने लगे। नकल होती देख अन्य परीक्षार्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आठ नकलचियों समेत परीक्षा आयोजक कंपनी टीसीएस के अधिकारियों और परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों को पकड़कर तलागांव थाने ले गई थी। 

पूछताछ के बाद भेजा जेल

उधर, पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचकर कालेज की तलाशी ली थी और संबंधित से पूछताछ की थी। इसके बाद पुलिस ने राजस्थान के करौली के हेमंत कुमार, मनमोहन योगी, दिनेश सैनी व धन सिंह मीना, सवाई माधौपुर के खुशीराम मीना तथा गंगापुर सिटी के मिथिलेश कुमार मीना, जगदीश माली व आशीष कुमार गुर्जर को जेल भेज दिया था। 

पूछताछ के बाद 25 जुलाई को परीक्षा केंद्र के कर्मचारी संजय पांडेय को पुलिस ने जेल भेजा था। पुलिस की जांच गतिमान थी। इसमें परीक्षा केंद्र के कर्मचारी मुहल्ला नैमिषपुरम के अमित मिश्र, टीसीएस के अधिकारी विजय लक्ष्मीनगर के उत्कर्ष मिश्र, आदर्शनगर के अंकित श्रीवास्तव और ग्वालमंडी के गौरव राजवंशी की संलिप्तता पाई गई।

अभ्यर्थियों के हंगामे ने खोली पोल 

पांचों आरोपियों ने पहले पर्चा लीक किया था। इसके बाद उत्तर पुस्तिका अभ्यर्थियों में बांटी थी। आरोपी 22 परीक्षार्थियों को नकल करना चाहते थे। हालांकि, वह आठ परीक्षार्थियों तक ही नकल की पर्ची पहुंचाने में कामयाब हो पाए थे। इसी बीच अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया था। पुलिस ने गुरुवार को अमित, उत्कर्ष, अंकित और गौरव को गिरफ्तार किया।

जागरण ने जताई थी पर्चा लीक की आशंका

जागरण ने घटना को लेकर पेपर लीक की आशंका जताई थी। हालांकि, शुरुआत में पुलिस कुछ भी बोलने से कतराती रही। जब पुलिस की जांच का दायरा बढ़ा तो एक-एक करके जागरण की ओर से खबर में दिए तथ्य पुलिस के मददगार बनने लगे। जागरण की ओर से दी गई पेपर लीक की थ्योरी पर पुलिस ने जांच को फोकस किया।

अधिकारियों ने कंपनी के विश्वास का फायदा उठाया

टीसीएस के अधिकारियों के पास कई महत्वपूर्ण जानकारियां ऐसी थीं, जिनका इस्तेमाल करके उन्होंने पर्चा लीक करा दिया। उनके पास कंपनी का पासवर्ड था, जिसके बदौलत वो अपने पर्सनल लैपटॉप पर कंपनी के सॉफ्टवेयर का दायरा बढ़ाकर पर्चा निकालने में कामयाब रहे। 

अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी प्रकाश कुमार ने बताया कि अभी जांच जारी है। इसमें आईटी के तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

16 जुलाई के बाद से मामले के सभी पहलुओं पर पुलिस नजर बनाए हुए थी। पुख्ता साक्ष्य एकत्र होने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच का दायरा आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी तकनीक का गलत इस्तेमाल करके इस तरह की घटना को कारित न कर सके।

-चक्रेश मिश्र, पुलिस अधीक्षक

तालगांव पुलिस ने किया गुमराह

16 जुलाई को शाम की पाली में नकलची पकड़े गए। तालगांव पुलिस ने इसे हल्के में लिया। सूत्रों के मुताबिक, कोतवाल दीपक राय पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र को वांछित जानकारी नहीं दे पाए थे। ऐसे में पुलिस अधीक्षक स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्वयं शुरुआती जांच की कमान संभाली। 

पुलिस अधीक्षक अपने मातहतों से इससे पहले रामपुर मथुरा के पाल्हापुर कांड में धोखा खा चुके थे। ऐसे में उन्होंने कोई कोताही नहीं बरती। तत्कालीन थानाध्यक्ष महेश चंद्र पांडेय ने सामूहिक हत्याकांड में पुलिस अधीक्षक को गलत जानकारी दे दी थी।

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