यूपी में बरसात ने बढ़ाए सब्जियों के दाम, टमाटर ने लगाया शतक; सिर्फ ये Vegetables हैं सस्ती
बारिश ने गर्मी से राहत जरूर दी है लेकिन यूपी में सब्जियों की कीमत भी बढ़ा दी है। टमाटर के भाव ने शतक (100 रुपये प्रतिकिलो) लगा दिया है। प्याज का भाव भी आंसू निकाल रहा है। प्याज 45 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है। टमाटर प्याज लौंकी तरोई आदि के महंगे भाव के बीच कटहल राहत दे रहा है।
जागरण संवाददाता, सीतापुर। बारिश के बाद सब्जियों के भाव बढ़ गए हैं। टमाटर के भाव ने शतक (100 रुपये प्रतिकिलो) लगा दिया है। प्याज का भाव भी आंसू निकाल रहा है। प्याज 45 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है। लौकी, तरोई, कद्दू, भिंडी आदि के भाव भी समय के साथ तेजी से बढ़ रहे हैं। गृहणियों ने टमाटर का विकल्प भी निकालना शुरू कर दिया है।
एक पखवाड़ा पहले सब्जियों का सामान्य भाव चल रहा था। आलू, प्याज, टमाटर, भिंडी, लौंकी आदि का भाव 20 से 30 रुपये के मध्य चल रहा था। हर किसी की थाली में हरी सब्जी और टमाटर प्याज की सलाद दिख रही थी। मानसून की दस्तक होते ही हरी सब्जियों ने रंग दिखाने शुरू कर दिया। दिन प्रतिदिन टमाटर का भाव सुर्ख और प्याज आंसू निकालने लगा।
नवीन फल एवं सब्जी मंडी को आढ़ती कलीम ने बताया कि प्याज और टमाटर की स्थानीय स्तर से आपूर्ति ठप हो गई है। टमाटर बेंगलुरू और प्याज इंदौर और महाराष्ट्र के जिलों से आ रहा है। वहां, पहले ही बारिश हो चुकी है। इसके चलते टामटर और प्याज के भाव आसमान छू रहे हैं। बाराबंकी से सप्लाई न आने के चलते लौकी, तरोई, कद्दू आदि का भाव उछल रहा है।
एक ट्रक का ढाई लाख रुपये किराया
कलीम ने बताया कि टमाटर बेंगलुरू से मंगाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सीतापुर से बेंगलुरू की दूरी करीब दो हजार किलोमीटर पड़ती है। बेंगलुरू से टमाटर मंगाने में एक ओर का किराया ही ढाई लाख रुपये पड़ता है। एक ट्रक में 15 से 18 टन के बीच टमाटर आता है। ऐसे में टमाटर महंगा होना स्वाभाविक है।
कटहल दे रहा राहत
टमाटर, प्याज, लौंकी, तरोई आदि के महंगे भाव के बीच कटहल राहत दे रहा है। कटहल का भाव 20 से 30 रुपये प्रतिकिलो के बीच चल रहा है। सब्जियों की महंगाई का गृहणियों ने विकल्प निकालना शुरू कर दिया है। घूरामऊ बंगला की लक्ष्मी सिंह ने बताया कि किसी डाक्टर ने बताया कि टमाटर खाए ही न जाएं। किसी सब्जी में थोड़ा अमचूर पाउडर डाल दो सब्जी में टमाटर की कमी पूरी हो जाती है।
अभी और बढ़ेगा सब्जियों का भाव
जिले में झमाझम बारिश हो रही है। खेत जलमग्न हो गए हैं। सब्जियों के फसलों की बेल खराब होनी शुरू हो गई हैं। मछरेहटा के गांव सड़िला के किसान रंगू मौर्य ने बताया कि खेतों में पानी भरा है। अगर पानी खेतों से उतरा न तो दो -तीन दिन में सब्जियों की बेल सड़ने लगेंगी। लौंकी, तरोई और कद्दू का उत्पादन घट जाएगा।
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