Sitapur Lok Sabha Chunav 2024 Result: सीतापुर सीट पर भितरघात से हारी भाजपा, ये बनी बड़ी वजह
यूपी की सीतापुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की जीत हुई है। बीजेपी प्रत्याशी की हार की कई वजह हैं। प्रत्याशी के प्रति असंतोष कम संवाद करना और भितरघात को हार की बड़ी वजह माना जा रहा है। इसके अलावा कांग्रेस का इंडी गठबंधन के सहयोगी सपा से बेहतर समन्वय और प्रत्याशी राकेश के भाजपाइयों से पुराने संबंध भी उनकी इस जीत में सहायक बने।
जागरण संवाददाता, सीतापुर। Sitapur Lok Sabha Chunav 2024 Result : भाजपा को कांग्रेस प्रत्याशी से मिली हार की कई वजह हैं। प्रत्याशी के प्रति असंतोष, कम संवाद करना और भितरघात को हार की बड़ी वजह माना जा रहा है। इसके अलावा कांग्रेस का इंडी गठबंधन के सहयोगी सपा से बेहतर समन्वय और प्रत्याशी राकेश के भाजपाइयों से पुराने संबंध भी उनकी इस जीत में सहायक बने।
इतना ही नहीं भाजपा के कई जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने भी ‘विभीषण’ की भूमिका निभाई। बताया जाता है कि जीत के बाद नव निर्वाचित सांसद राकेश राठौर ने गठबंधन के कार्यकर्ताओं के साथ ही भाजपाइयों का भी इस लड़ाई में साथ देने के लिए आभार जताया।
भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा ने चार बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व संसद में किया है। उनकी कार्यकर्ताओं और आमजनता से दूरी और कम संवाद होना लोगों को अखरता था। बीते वर्ष पहले पार्टी की ओर से कराए गए एक सर्वे में भी सांसद का प्रदर्शन खराब पाया गया था।
इसके बाद भी संगठन जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ल ने जहां उन्हें क्लीन चिट देते हुए प्रदर्शन को बेहतर बताया था, वहीं सांसद राजेश वर्मा ने पहली सूची में नाम आने और पिछली बार से अधिक मतों के अंतर से जीत का दावा किया था। उनके दावे के मुताबिक पहली सूची में उनका नाम तो आ गया, लेकिन संगठन और सांसद दोनों ही कार्यकर्ताओं में जोश नहीं भर पाए। इससे कार्यकर्ताओं में प्रत्याशी को लेकर असंतोष था। इसीलिए जब-जब इस संबंध में संगठन के पदाधिकारियों से पूछा गया तो कमल के फूल को ही प्रत्याशी बताकर समझाने की कोशिश की।
अभी तो बयाना है...
बताया जाता है कि लालबाग चौक पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने में एक जनप्रतिनिधि ने अहम योगदान किया था। प्रतिमा के शिलापट पर उनका कोई जिक्र नहीं किया बल्कि पार्टी के एक पदाधिकारी ने उन्हें संकेतों में यह भी बता दिया कि अभी तो यह बयाना है। इसकी चर्चा कई स्थानों पर होती दिखी। दो विधानसभा सदस्यों व प्रदेश सरकार के मंत्रियों से भाजपा प्रत्याशी की अनबन भी आए दिन चर्चा में रहती थी।यह भी पढ़ें: UP Lok Sabha Result 2024: …तो इसलिए हार गए भाजपा के 26 सांसद, काश पार्टी ने सुनी होती विधायकों की बात!
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