कांग्रेस प्रत्याशी राकेश राठौर की जीत कई मायनों में अहम है। उन्होंने 531138 मतों के साथ सबसे अधिक मत हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया। साथ ही कांग्रेस की राजेंद्र कुमारी वाजपेयी का लगातार तीन बार चुनाव जीतने के रिकार्ड को टूटने से बचा लिया। उनकी जीत ने जहां राजेश वर्मा को पांचवीं बार संसद पहुंचने से रोका बल्कि हैट-ट्रिक लगाने से रोक भी दिया।
जागरण, संवाददाता, सीतापुर। (Sitapur Lok Sabha Election Result) कांग्रेस प्रत्याशी राकेश राठौर की जीत कई मायनों में अहम है। उन्होंने 5,31,138 मतों के साथ सबसे अधिक मत हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया। साथ ही कांग्रेस की राजेंद्र कुमारी वाजपेयी का लगातार तीन बार चुनाव जीतने के रिकार्ड को टूटने से बचा लिया। उनकी जीत ने जहां राजेश वर्मा को पांचवीं बार संसद पहुंचने से रोका बल्कि हैट-ट्रिक लगाने से रोक भी दिया।
उनकी हैट-ट्रिक में दोनों बार ही कांग्रेस प्रत्याशी ही बाधक बने।
2009 में धौरहरा में उनकी हैट-ट्रिक को कांग्रेस प्रत्याशी रहे जितिन प्रसाद (अब भाजपा में) ने रोका था। इस बार राजेश को राकेश राठौर से 89,641 मतों से शिकस्त मिली।
राजेश के नाम सबसे अधिक बार जीतने का रिकार्ड
राजेश वर्मा (Rakesh Verma) को मिली शिकस्त भले ही पांचवीं बार उनके संसद पहुंचने में बाधा बनी हो, लेकिन अभी भी सबसे अधिक बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड उनके नाम ही है। बसपा से वह 1999 व 2004 और भाजपा से 2014 व 2019 में सांसद चुने जा चुके हैं।
राजेंद्र कुमारी के नाम हैट-ट्रिक का रिकॉर्ड
अब तक हुए चुनावों में सिर्फ एक बार ही हैट-ट्रिक लग सकी है। यह रिकार्ड कांग्र्रेस की राजेंद्र कुमारी वाजपेयी के नाम है, जिन्होंने 1980, 1984 और 1989 में लगातार जीत हासिल की थी। उनके अलावा कोई हैट-ट्रिक नहीं लगा सका है।
उमा नेहरू व जनार्दन ने किया दो-दो बार प्रतिनिधित्व
राजेंद्र कुमारी वाजपेयी को तीन और राजेश वर्मा को चार बार इस क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का मौका मिला है। इनके अलावा कांग्रेस की उमा नेहरू व भाजपा के जनार्दन मिश्र दो-दो बार सांसद चुने गए। उमा नेहरू ने वर्ष 1952 व 1957 और जनार्दन मिश्र वर्ष 1991 व 1998 में सांसद चुने गए। इनके अलावा जनसंघ के सूरज लाल वर्मा, शारदानंद, कांग्रेस के जगदीश चंद्र दीक्षित, जनता पार्टी के हर गोविंद वर्मा, सपा के मुख्तार अनीस व बसपा की कैसर जहां एक-एक बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
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