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सीतापुर हत्याकांड: पुलिस की कहानी के उलट पोस्टमार्टम रिपोर्ट, इन सवालों का किसी के पास नहीं जवाब; 10 लोग हिरासत में

पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की ओर से दी गई अनुराग के मानसिक मंदित होने की कहानी पूरी तरह बेमेल है। अनुराग के दो गोलियां लगी हैं। कोई आत्महत्या करने वाला व्यक्ति स्वयं को सिर और गले में दो गोलियां कैसे मार सकता है। इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। इसके अलावा एक अकेला व्यक्ति इतनी सारे लोगों को कैसे मार सकता है।

By Jagdeep Shukla Edited By: Aysha Sheikh Updated: Mon, 13 May 2024 10:15 AM (IST)
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बर्थडे कार्यक्रम में पत्नी और बच्चों के साथ अनुराग सिंह: फाइल फोटो
संवाद सूत्र, सीतापुर। पाल्हापुर हत्याकांड प्रकरण की गूंंज राजधानी तक पहुंच गई है। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने अनुराग के परिवारजन से न सिर्फ करीब चार घंटे पूछताछ की बल्कि पांच सदस्यों को हिरासत में लिया है। दोपहर बारह से शुरू हुई बातचीत के बाद करीब चार बजे पुलिस ने अनुराग के भाई अजीत व भाभी विभा को हिरासत में लिया। उधर, देर शाम पुलिस महानिरीक्षक तरुण गाबा जांच करने पहुंचे और परिवारजन से पूछताछ की, जिसके बाद अनुराग के चाचा आरपी सिंह, उनके चचेरे भाई आशुतोष व अमित को हिरासत में लिया गया।

थाने पर परिवार के पांच सदस्यों के साथ ही अन्य पांच लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। परिवारजन के अलावा हिरासत में लिए गए लोगों से पुलिस इसी प्रकरण में पहले भी पूछताछ कर चुकी है। पाल्हापुर में शुक्रवार की रात छह लोगों की हत्या हो गई थी। पुलिस के मुताबिक अनुराग मानसिक मंदित था और उसने ही मां सावित्री, पत्नी प्रियंका, बेटी आष्वी, आरना व बेटे आदविक की हत्या करने के बाद खुद को गोली मार ली थी।

अनुराग का परिवार लखनऊ के जानकीपुरम के सरगम अपार्टमेंट में रहता था, जोकि शुक्रवार को ही गांव आया था। हालांकि, पुलिस की यह कहानी किसी के गले नहीं उतर रही थी। अंतिम संस्कार होने के बाद स्थानीय पुलिस पांच संदिग्ध लोगों को थाने उठा ले गई थी और अनुराग के घर को भी घेरे में ले लिया था। शनिवार सुबह 11 बजे एसओजी, क्राइम ब्रांच, स्वाट टीम के साथ ही स्थानीय पुलिस अनुराग के घर पहुंची। पुलिस ने एक-एक करके परिवारजन से पूछताछ की।

पुलिस टीम ने पहले अनुराग के चाचा आरपी सिंह से पूछताछ की। इसके बाद अनुराग के भाई अजीत सिंह और उनकी पत्नी विभा से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस दोनों को थाने लेकर चली गई। उधर, शनिवार रात में हिरासत में लिए पांच लोगों को पुलिस ने छोड़ दिया। अजीत व विभा के हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें दोबारा पुलिस ने थाने बुला लिया।

घटना के दिन यानी शुक्रवार सुबह अजीत पत्नी विभा और बच्चों को अपनी जुगौर लखनऊ स्थित ससुराल छोड़कर पाल्हापुर लौट आया था। अजीत ने घटना के बाद बच्चों को इलाज के लिए ले जाने को अपनी कार देने से भी पड़ोसी को इन्कार कर दिया था। इन सबको लेकर अजीत की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। प्रियंका के भाई अंकित सिंह ने अजीत व अज्ञान पर जमीन के लिए हत्या करने का आरोप लगाया था। क्षेत्राधिकारी दिनेश शुक्ल ने बताया कि पूछताछ के लिए सात लोगों को थाने पर लाया गया है।

पुलिस की कहानी के उलट पोस्टमार्टम रिपोर्ट

पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की ओर से दी गई अनुराग के मानसिक मंदित होने की कहानी पूरी तरह बेमेल है। अनुराग के दो गोलियां लगी हैं। कोई आत्महत्या करने वाला व्यक्ति स्वयं को सिर और गले में दो गोलियां कैसे मार सकता है। इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। उधर, अनुराग की पत्नी प्रियंका और बेटी आष्वी को गोली लगने की पुष्टि हुई है। मां सावित्री और अनुराग की छोटी बेटी आरना को हथौड़ा से वार करके मारा गया है। वहीं, अनुराग के बेटे आदविक की मौत हेड इंजरी से हुई है।

आत्महत्या करने वाला खुद को दो गोली कैसे मार सकता

प्रियंका सिंह के भाई गोमती नगर विस्तार लखनऊ के अंकित सिंह भी पुलिस की कहानी पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ दिख रहा है कि अनुराग की बड़ी बेटी आष्वी को पहले गोली मारी। इसके बाद उसे छत से फेंका गया। बेटी आरना व बेटे आदविक को छत से फेंककर मार दिया गया।

मां सावित्री को हथौड़े से प्रहार करके मार दिया गया। अनुराग और प्रियंका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अनुराग को दो गोलियां लगी हैं। आत्महत्या करने वाला व्यक्ति स्वयं को दो गोलियां कैसे मार सकता। इसके अलावा एक अकेला व्यक्ति इतनी सारे लोगों को कैसे मार सकता है।

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