UP News उधर पड़ोसी गांव रन्नूपुर में ग्रामीणों ने खेत में किसी बड़े जंगली जानवर देखने का दावा किया। ग्रामीणों की सूचना पर वनकर्मियों की टीम पहुंची। टीम ने प्रभावित गांवों के साथ ही आसपास कांबिंग की पगचिह्न देखे। वन दारोगा अक्षय पांडेय ने बताया कि बछिया को सियार ने निवाला बनाया। पगचिह्न किसी बड़े जंगली जानवर के नहीं है।
संसू, जागरण, इमलिया सुल्तानपुर (सीतापुर) जिले में जंगली जानवरों के हमलों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार रात इमलिया सुल्तानपुर के गांव बंजरिया में जंगली जानवर ने बछिया का निवाला बना लिया। वहीं, पड़ोस में बंधी दूसरी बछिया का कान काटकर खा गया। घटना के बाद से गांव में दहशत है। वहीं, वनकर्मी हमलावर जंगली जानवर को सियार बता रहे हैं।
ग्रामीण वनविभाग के दावे पर यकीन नहीं कर रहे हैँ।
विजय पाल सिंह के घर के बाहर उनकी दो बछिया बंधी थीं। शनिवार रात जंगली जानवर एक बछिया को मारकर खा गया। वहीं, पड़ोस में बंधी दूसरी बछिया का कान काटकर घायल कर दिया। विजय पाल सिंह ने बताया कि रात में वह जानवरों को बाहर बांधकर घर में सो रहे थे। रविवार की सुबह जब वह उठे तो उन्होंने एक बछिया मृत पड़ी है और दूसरी घायल।
उधर, पड़ोसी गांव रन्नूपुर में ग्रामीणों ने खेत में किसी बड़े जंगली जानवर देखने का दावा किया। ग्रामीणों की सूचना पर वनकर्मियों की टीम पहुंची। टीम ने प्रभावित गांवों के साथ ही आसपास कांबिंग की पगचिह्न देखे। वन दारोगा अक्षय पांडेय ने बताया कि बछिया को सियार ने निवाला बनाया। पगचिह्न किसी बड़े जंगली जानवर के नहीं है। उधर, ग्रामीण वन विभाग के दावे पर यकीन करने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि बछिया का शिकार सियार नहीं कर सकता।
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