Sitapur News: श्रीअन्न के पकवानों से महकेगी भोजन की थाली, उत्पादों को मिलेगा बाजार; महिलाओं बनेंगी स्वावलंबी
विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दयाशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीअन्न के उत्पाद सेहत के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। जिले के अलग-अलग इलाकों को श्रीअन्न से बनने वाले उत्पादों की लंबी शृंखला है। इसको वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्रीअन्न के उत्पादों को तैयार करने के लिए महिलाओं को तीन स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सीतापुर [दुर्गेश द्विवेदी]। जैसा खाओ अन्न-वैसा होवे मन। अब इस कहावत का न सिर्फ लोग आशय समझ रहे हैं बल्कि निजी जीवन में उतारने का भी प्रयास कर रहे हैं। श्रीअन्न यानी मोटा अनाज को भोजन की थाली का हिस्सा बनाकर लोगों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र कटिया ने 60 लाख की लागत से अनाज प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने लिए शासन को न सिर्फ प्रस्ताव भेजा है, बल्कि पकवाने बनाने का विभिन्न समूहों से जुड़ी 150 महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जाएगा। उत्पादों को बाजार देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार करने की भी तैयारी है।
दिया जा रहा त्रिस्तरीय प्रशिक्षण
विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दयाशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीअन्न के उत्पाद सेहत के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। जिले के अलग-अलग इलाकों को श्रीअन्न से बनने वाले उत्पादों की लंबी शृंखला है। इसको वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्रीअन्न के उत्पादों को तैयार करने के लिए महिलाओं को तीन स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसमें उत्पादन, प्रसंस्करण और उत्पाद बनाने के गुर सिखाए जा रहे हैं। प्रतियोगिताएं आयोजित करके बेहतर पकवानों और उन्हें तैयार करने वाली महिलाओं को चिह्नित किया जा रहा है। उनको कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए प्रसंस्करण यूनिट को स्थापित करने की कवायद चल रही है।
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की होगी सहभागिता
श्रीअन्न से तैयार होने वाले विभिन्न पकवानों के चिह्नित की जा रही महिलाओं को पहले ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद उत्पादवार उनके समूह बनाए जाएंगे। महिलाओं को प्रशिक्षण दे गृह वैज्ञानिक डॉ. रीमा ने बताया कि पकवान प्रतियोगिता में अभी तक 150 महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए चिह्नित किया गया है। महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब इन्हें राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी (आईसीएआर) हैदराबाद के विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। डॉ. दयाशंकर ने बताया कि सात अगस्त से प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। इसके लिए महिलाओं के दो बैच बनाए जाएंगे।
परंपरागत श्रीअन्न के व्यंजन
उन्होंने बताया कि ज्वार व बाजरा के लड्डू, बाजरा और मक्का का चौसेला, ज्वार का नमकपारा, काकुन की खीर और सांवा का भात जिले के परंपरागत श्रीअन्न से बने व्यंजन हैं। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी के विशेषज्ञ प्रशिक्षण में इन व्यंजनों को व्यवसायिक स्तर पर बनाने के गुर सिखाएंगे। अन्य प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करके व्यंजनों को लंबे समय तक संरक्षित करने के तरीके भी बताए जाएंगे।
वर्ष बोया गया श्रीअन्न (क्षेत्रफल में)
2018-5007
2019-8069
2020-8218
2021-6076
2022-8489।