सीतापुर में शत्रु संपत्ति की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को बुलडोजर से हटा दिया गया। तहसील प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण हटवाया और दोबारा कब्जा करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। इस दौरान कई बार अतिक्रमण करने वालों की प्रशासन से बहस भी हुई। कुछ पक्के निर्माण और टिनशेड हटाने के लिए मोहलत मांगने पर संबंधित को 24 घंटे का समय दिया गया है।
जागरण संवाददाता, महमूदाबाद (सीतापुर)। रामकुंड चौराहे के निकट बरदहिया बाजार में शत्रु संपत्ति की जमीन पर किए गए अतिक्रमण पर बुधवार को बुलडोजर गरजा। तहसील प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण हटवाया। साथ ही दोबारा कब्जा करने पर सख्त कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी। इस दौरान कई बार अतिक्रमण करने वालों की प्रशासन ने बहस भी हुई।
कुछ पक्के निर्माण व टिनशेड हटाने के लिए मोहलत मांगने पर संबंधित को 24 घंटे का समय तहसील प्रशासन ने दिया है। बुलडोजर से जिस समय अतिक्रमण हटा रहा था, पुलिस, पीएसी बल के साथ नगर पालिका, राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारी डटे रहे।
बरदहिया बाजार में शत्रु संपत्ति की जमीन पर वर्षों पहले बरदही बाजार लगती थी।
बाजार बंद होने पर लोगों ने कब्जा कर झुग्गी-झोपड़ी डाली गई थीं। कच्चा व पक्का निर्माण भी करवाकर टिन शेड डाल लिए थे। इसकी शिकायत कुर्सी विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा ने मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव से की थी। यहां व्यापारिक गतिविधियां भी संचालित होने लगीं थी। तहसील प्रशासन भी अतिक्रमण की अनदेखी करता रहा। शिकायतों के बाद प्रशासन ने जमीन की पैमाइश की।
अतिक्रमण करने वालों को नोटिस देकर 15 दिन का समय दिया गया था। नोटिस की समय सीमा पूरी हो जाने के बाद मंगलवार की सुबह तहसीलदार अनिल कुमार के नेतृत्व में दो बुलडोजर पहुंचे। करीब 25 झुग्गी-झोपड़ी, कच्चे घर व टिन शेड हटवाकर जमीन मुक्त कराई गई। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों से कुछ लोगों की बहस भी हुई। लेकिन प्रशासन ने अतिक्रमण को हटवा दिया।
जागरण’ में समाचार छपा तब कराई गई पैमाइ
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शत्रु संपत्ति की जमीन पर काफी समय पहले पशु बाजार लगती थी। बाजार लगना बंद होने के बाद खाली जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। दैनिक जागरण ने इसको लेकर सबसे पहले 11 अगस्त के अंक में ‘शत्रु संपत्ति की जमीन पर कब्जा, पड़ताल में अनदेखी कर रहा प्रशासन’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद तहसील प्रशासन की नींद खुली।
नगर पालिका व राजस्व कर्मियों ने सर्वे कर पैमाइश की। तहसील प्रशासन को सरकारी जमीन पर कब्जा होने की रिपोर्ट दी गई। इसके बाद एसडीएम ने नोटिस जारी की थी। इसको लेकर राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ी रहीं। पूर्व मंत्री व सपा नेता नरेंद्र सिंह वर्मा ने तहसील प्रशासन को ज्ञापन देकर लोगों को मोहलत देने व आवास के लिए अलग जमीन देने की मांग की थी। पूर्व मंत्री ने सत्ता पक्ष के लोगों पर भी अतिक्रमण करने का आरोप लगाया था। आखिरकार प्रशासन को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करनी पड़ी।
अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस देकर 15 दिन का समय दिया गया था। फिर भी ज्यादातर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा नहीं हटाया था। इसी क्रम में अतिक्रमण हटवा दिया गया है। पक्का निर्माण व टिन शेड आदि हटाने के लिए 24 घंटे का समय और दिया गया है। गुरुवार को भी अतिक्रमण हटाया जाएगा। अतिक्रमण हटाने के बाद यदि दोबारा कब्जा करने पर मुकदमा कराएंगे।
- शिखा शुक्ला, उप जिलाधिकारी, महमूदाबाद।
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