Move to Jagran APP

शहरों में निखारे जाएंगे जनजातीय शिल्प

By Edited By: Updated: Tue, 10 Apr 2012 06:46 PM (IST)

रेणुकूट (सोनभद्र) : 'जनजाति शिल्पकार मेला' में दुरुह क्षेत्र के ग्रामीण आदिवासियों के हाथों से निर्मित सामानों की प्रदर्शनी मंगलवार को रेणुकूट में लगाई गई। इसका मुख्य उद्देश्य जनजातीय शिल्प को शहरी क्षेत्रों में निखारने व बेहतर विक्रय के लिए शिल्पों का विकास करना है। रेणुकूट वन प्रभाग के तत्वावधान में आयोजित किए गए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्य वन संरक्षण मीरजापुर एसके शर्मा थे। उन्होंने आदिवासी हस्तशिल्प मेला का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस मौके पर भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित नई दिल्ली के संयोजक मंडल द्वारा बाजार की व्यवस्था करना मुख्य उद्देश्य रहा। जिसके रीजनल मैनेजर ट्राइफेड संगीता महेंद्रा, परियोजना निदेशक (अनुश्रवण) एवं (मूल्यांकन) अतुल जिंदल, कन्सल्टेंट (पीएमसी) संजय वर्मा, प्रभागीय वनाधिकारी रेणुकूट आशीष तिवारी, जोन एक्सटेंसन आफिस कोआर्डिनेटर राकेश तिवारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी म्योरपुर अखिलेश पांडेय उपस्थित थे। मेला को सफल बनाने में वनवासी सेवा आश्रम, सहयोग स्वयं सहायता समूह करकच्छी, संयुक्त व प्रबंधन समिति, जय भोले स्वयं सहायता समूह, लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह सहकारी विपणन विकास संघ का मुख्य हाथ रहा। दर्जनों वन समितियां व संस्थाओं द्वारा हस्त निर्मित खाद्य पदार्थ, जड़ीबूटियों से निर्मित दवाएं, दाल, तेल, शहद, टोकरी, डलिया, टोपी, बांस से निर्मित वस्तुएं मिट्टी के खिलौने व घरेलू बर्तनों की सुंदरता ने सभी को आकर्षित किया। मेले में खरीदारों की भी भारी भीड़ थी। संगीता महेंद्रा ने ट्राइफेड शोरूम के माध्यम से हस्तशिल्प और हथफरधा को बढ़ावा दिया। ट्राइफेड के उत्पाद रेंज में वेल मेटल (ढोकरा), कपड़े, गहने, जनजातीय चित्रकला बेंत और बांस के उत्पाद, पत्थर व मिट्टी के बर्तन, उपहार व अन्य सस्ते उत्पाद एवं प्राकृतिक व खाद्य वस्तुएं शामिल कर क्षेत्र के विकास में सहयोग पहुंचाना है। वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी श्री तिवारी समेत कर्मचारियों का सराहनीय सहयोग से आदिवासी हस्तशिल्प मेला में अधिकांश वस्तुओं की बिक्री भी हुई।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।