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UP News: ऊर्जांचल की स्थिति महानगरों से भयावह; AQI 200 के पार, सांस लेना भी दूभर

सोनभद्र के अनपरा में प्रदूषण की स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। एक्यूआई 200 माइक्रो ग्राम घन मीटर से ऊपर बना हुआ है। प्रदूषण की भयावहता का आंकलन करने के लिए समय-समय पर आती एनजीटी की ओवर साइट कमेटी क्षेत्र का दौरा कर महज दिशा निर्देश जारी कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर इतिश्री कर लेती है।

By Ashok Tiwari Edited By: Sakshi Gupta Updated: Sat, 16 Nov 2024 04:28 PM (IST)
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सोनभद्र में एयर क्वॉलिटी खराब होती जा रही है। (तस्वीर जागरण)
संवाद सूत्र, अनपरा अनपरा (सोनभद्र)। प्रदूषण की भयावहता से जूझ रहा ऊर्जांचल इस मामले में महानगरों को टक्कर दे रहा है। स्थिति यह हो गई है कि लोगों को अब सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। संबंधित विभाग महज कागजी कोरम पूरा करने में ही मशगूल है।

दीपावली के बाद से ऊर्जांचल में प्रदूषण काफी खतरनाक स्थिति में पहुंचने लगता है। सुबह-शाम ओस गिरने से वायुमंडल में छाए धूल के कण नीचे आने से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी होने लगती है। पिछले सप्ताह से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 माइक्रो ग्राम घन मीटर से ऊपर बना हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ समेत अन्य महानगरों के सापेक्ष यहां प्रदूषण की भयावहता ज्यादा बनी हुई है।

एक्यूआई 200 से ऊपर बना हुआ है

तापीय परियोजनाओं की चिमनियों से निकल रहा धुआं, सड़कों पर उड़ती धूल, राख परिवहन के दौरान पूरा क्षेत्र कोल डस्ट व राख की आगोश में समा जा रहा है। वर्षों से प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए संबंधित विभागों की कारगुजारियां महज कागजों तक ही सिमट कर रह गई है। प्रदूषण की भयावहता का आंकलन करने के लिए समय-समय पर आती एनजीटी की ओवर साइट कमेटी क्षेत्र का दौरा कर महज दिशा निर्देश जारी कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर इतिश्री कर लेती है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के मुताबिक, 100 एक्यूआई के पार होने वाली स्थिति में प्रदूषण के स्तर को काफी गंभीर माना जाता है।

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BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहनों पर बैन

उधर, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार से राष्ट्रीय राजधानी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-III) के तहत बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल चार पहिया वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सरकारी आदेश के मुताबिक बिगड़ती वायु गुणवत्ता का मुकाबला करना है। उल्लंघनकर्ताओं को मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 194(1) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा और उन पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

पर्यावरण बसें अभी नहीं चल रही हैं

बता दें कि दिल्ली में बीएस-3 के दो लाख पेट्रोल वाहन (delhi BS 3 vehicle ban) व बीएस-4 के तहत 3 लाख से अधिक डीजल वाहन (delhi BS 4 vehicle ban) पंजीकृत हैं। लोगों की परेशानी का सबसे बड़ा कारण यह है कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से मजबूत नहीं है। पर्यावरण बसें भी अभी नहीं चल रही हैं।

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