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Lakhpati Didi Scheme: क्या है लखपति दीदी योजना, जिस पर केंद्र सरकार ने भी अंतरिम बजट में लगाया मोहर

Lakhpati Didi Scheme लखपति दीदी योजना के तहत समूह की महिलाओं का वार्षिक आय कम से कम एक लाख रुपये होना चाहिए। बताया कि लखपति महिला कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण जल्द से जल्द आयोजित किया जाएगा। इन गतिविधियों में होती हैं शामिल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का आय बढ़ाने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार योजनाओं में शामिल किया गया है।

By Jagran News Edited By: riya.pandey Updated: Sun, 04 Feb 2024 12:59 PM (IST)
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सोनभद्र में वर्तमान समय में है 23 हजार लखपति दीदी

संवाद सहयोगी, सोनभद्र। Lakhpati Didi Scheme: जनपद में संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जनपद में लखपति दीदी योजना के तहत एक लाख महिलाओं को लखपति बनाने पर काम किया जाएगा। सोनभद्र के लिए एक लाख का लक्ष्य निर्धारित किया है।

योजना की सफलता के लिए कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षित किया जाएगा। जनपद में वर्तमान समय में 23 हजार 421 महिलाएं लखपति दीदी हैं।

एनआरएलएम के जिला प्रबंधक एमजे रवि ने बताया कि लखपति दीदी योजना के तहत समूह की महिलाओं का वार्षिक आय कम से कम एक लाख रुपये होना चाहिए। बताया कि लखपति महिला कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण जल्द से जल्द आयोजित किया जाएगा। इन गतिविधियों में होती हैं शामिल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का आय बढ़ाने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार योजनाओं में शामिल किया गया है।

मसलन मुर्गी पालन, एलइडी बल्ब, कृषि, मशरूम, स्ट्राबेरी की खेती, पशु पालन, दुग्ध उत्पादन, हस्तशिल्प, विद्युत सखी, आजीविका, बकरी पालन, बंबू उत्पाद, टेक होम राशन प्लांट आदि प्रमुख हैं।

क्या है लखपति दीदी योजना

लखपति दीदी स्कीम के जरिए केंद्र सरकार गांव-गांव में आधी आबादी का सशक्त करना चाहती है। इस बार के केंद्रीय बजट में भी इसपर काम किया गया है। वर्ष 2023 में आर्थिक सशक्तीकरण के व्यापक के तौर पर शुरू की गयी है। योजना के तहत महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वह प्रति वर्ष एक लाख रुपये से अधिक कमा सकेंगी।

राबर्ट्सगंज की पूनम देवी के अनुसार, लखपति दीदी योजना हमारे जीवन में नई उम्मीद लेकर आयी है। परिवार के आजीविका में खुद की भूमिका पाकर काफी गौरवांवित महसूस करती हूं। वर्तमान समय में बैग व पर्स का निर्माण करती हूं।

वहीं राबर्ट्सगंज निवासी शैबुन निशा का कहना है कि महिलाओं के कपड़े सिलने का प्रशिक्षण लिया। अब महिलाओं के लिए नाइटी, सूट-सलवार व अन्य कपड़े की सिलाई करती हूं। वर्तमान समय में एक लाख से ऊपर सालाना आय हो जाता है। दूसरे महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित करती रहती हूं। 

आंकड़ों में

11723 - स्वयं सहायता समूह

90259 - समूह से जुड़ी हैं महिलाएं

23421 - जनपद में लखपति दीदी

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