ओबरा परियोजना का उत्पादन हुआ शून्य
सोमवार को ओबरा तापीय परियोजना की 200 मेगावाट वाली नौवीं इकाई टरबाइन में तेल रिसाव के कारण बंद हो गयी ।नौवीं इकाई के बंद होते ही ओबरा परियोजना का उत्पादन शून्य हो गया।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : सोमवार को ओबरा तापीय परियोजना की 200 मेगावाट वाली नौवीं इकाई टरबाइन में तेल रिसाव के कारण बंद हो गई। नौवीं इकाई के बंद होते ही ओबरा परियोजना का उत्पादन शून्य हो गया। इससे पहले जहां 11वीं इकाई बीते 14 दिसम्बर को इलेक्ट्रिक खराबी के कारण बंद हो गई थी वहीं बीते 20 नवम्बर से दसवीं इकाई अनुरक्षण और मरम्मत के लिए बंद चल रही है। बीते 14 दिसम्बर से ही केवल नौवीं इकाई से उत्पादन जारी था। बुधवार को इस इकाई के भी बंद होने के कारण उत्तरी ग्रिड पर ओबरा परियोजना का सहयोग शून्य हो गया। नौवीं इकाई के 23 दिसम्बर तक चालू होने की सम्भावना है। हालांकि बिजली की प्रतिबंधित मांग में भारी कमी की वजह से ज्यादा दिक्कतें नही हो रही है। उधर तापमान में हुयी भारी कमी के कारण बिजली उत्पादन में भारी कटौती करनी पड़ रही है। पिछले दो दिनों में आंशिक तौर पर बिजली की मांग बढ़ी है। ऐसा शीतलहरी के कारण इलेक्ट्रिक यंत्रों का प्रयोग बढ़ने की वजह से माना जा रहा है। मंगलवार को पीक आवर के दौरान अधिकतम प्रतिबंधित मांग 14753 मेगावाट दर्ज की गयी। पिछले चार दिनों में मांग में दो हजार मेगावाट की वृद्धि हुयी है। मांग में आंशिक वृद्धि को देखते हुए शटडाउन वाली इकाइयों की संख्या कम की गयी है।बुधवार को छह इकाइयां शटडाउन पर रही।जबकि बीते शुक्रवार तक 13 इकाइयां शटडाउन पर थी। उधर बुधवार को निजी सेक्टर के बजाज ललितपुर की भी 660 मेगावाट की इकाई बायलर ट्यूब लीकेज के कारण बंद हो गयी। जल विद्युत इकाइयों से उत्पादन जारी
मांग के आभी भी 15 हजार मेगावाट से कम होने तथा रिहन्द बांध के अपेक्षित जलस्तर के कारण ओबरा और पिपरी जल विद्युत परियोजना की इकाइयों से लगातार उत्पादन कराया जा रहा है। पिपरी की पांच इकाइयों से 125 मेगावाट तथा ओबरा की एक इकाई से 29 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। इसके अलावा खारा परियोजना की दो इकाइयों से 16 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। बुधवार को रिहन्द बांध का जलस्तर 862.3 फिट है पिछले वर्ष इसी दिन रिहन्द का जलस्तर 857.5 मेगावाट के करीब था। बुधवार शाम 5.25 बजे मांग 11436 मेगावाट के करीब रही। समाचार लिखे जाने तक उत्पादन निगम की चालू इकाइयों से 2349 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर निजी बिजली घरों से 3667 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था।