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गरीब परिवार को 30 हजार देकर करा दिया था चुप, नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म का आरोपी अनुदेशक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोपी शिक्षक (अनुदेशक) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मामले में पीड़ित छात्रा की मौत हो चुकी है। घटना का खुलासा तब हुआ जब एक महिला ने पुलिस अधीक्षक को दी। बताया गया कि आरोपी ने छात्रा के इलाज के लिए पीड़ित परिवार को रुपये देकर मामले का दबाने का प्रयास किया था।

By Arvind Tiwari Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 21 Aug 2024 01:49 AM (IST)
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सोनभद्र: दुद्धी कोतवाली में पुलिस हिरासत में आरोपित विशंभर कुमार। जागरण
संवाद सूत्र, दुद्धी/सोनभद्र। क्षेत्र की आदिवासी नाबालिग छात्रा संग 30 दिसंबर को हुई दुष्कर्म की घटना का आरोपी शिक्षक (अनुदेशक) विशंभर कुमार को कोतवाली पुलिस ने जिला मुख्यालय के हाइडिल मैदान से मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। आरोपी का मेडिकल मुआयना के बाद पुलिस ने धारा 376(3), 376(2) एफ भादवि व 3/4(2)/5एफ/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया।

प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह को मंगलवार को तड़के मुखबिर ने आरोपी को राबर्ट्सगंज में मौजूद होने की जानकारी दी। कोतवाल उपनिरीक्षक मिट्ठू प्रसाद व मक्खन लाल के साथ हेड कांस्टेबिल शिवकुमार यादव एवं अनुराग कुमार के साथ जिला मुख्यालय धमक पड़े। हाइडिल मैदान से रेलवे स्टेशन की ओर आरोपी को पैदल जाते पुलिस टीम ने घेराबंदी कर उसे दबोचने में कामयाब हो गई।

यह है पूरा मामला

घोरावल में आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराने के लिए आरोपी अनुदेशक ने आठवीं में अध्ययनरत बालिका को बीते 30 दिसंबर को घर से अपने कमरे पर ले गया। उसी रात दुष्कर्म किया। दूसरे व तीसरे दिन अपने साथ घोरावल में रखा। चौथे दिन उसे धमकी के साथ घर छोड़ा। इसके बाद से ही वह बीमार रहने लगी। 

वाकये के तीन माह बाद पीड़िता ने बुआ से आपबीती बताई। इस पर परिजन आरोपी से पूछताछ किए तो वह परिवार को 30 हजार रुपये देकर मामले को दबा दिया। पीड़िता की तबीयत खराब होने पर बीते दस जुलाई को मामला पुलिस के पास पहुंचा।

ऐसे हुआ प्रकरण का राजफाश

आदिवासी परिवार से जुड़ी एक महिला ने समूचे घटनाक्रम की जानकारी जुलाई माह में अपनी एक सहेली को दी। इस पर अन्यत्र रहने वाली महिला ने मामले की जानकारी जुलाई के पहले सप्ताह में पुलिस अधीक्षक को दी। 

एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने समूचे घटनाक्रम की जांच कराने के बाद दुद्धी कोतवाल को पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए तत्काल मुकदमा पंजीकृत करने का निर्देश दिया।

पुलिस ने पीड़िता को छत्तीसगढ़ से लाकर दर्ज किया था मुकदमा

मुकदमा लिखने के लिए जब पीडिता के गांव पुलिस पहुंची तो पता चला कि वह छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के थाना त्रिकुंडा के काशीनगर गांव के बसेराटोले में किसी रिश्तेदार के घर में है। पुलिस जब वहां पहुंची तो उसकी मरणासन्न स्थिति देख बेहद गंभीर हो गई। 

कोतवाल मनोज सिंह उसे अपने साथ लेकर यहां ले आए, उसकी बयान दर्ज करने के बाद अस्पताल में दाखिल कराया। चिकित्सकों के नाजुक हालत बताने पर आर्थिक मदद देकर उसे इलाज के लिए पुलिस अभिरक्षा में वाराणसी भेजा। जहां इलाज के दौरान बीते 13 अगस्त को उसकी मौत हो गई।

कर्ज तले दबा था पीड़ित परिवार

आदिवासी बालिका के साथ अनुदेशक के हैवानियत की भनक विद्यालय में नियुक्त गांव के स्वजातीय शिक्षामित्र नंदलाल को मार्च माह में ही मिल चुकी थी, किंतु उसने गांव-समाज की बिटिया को इंसाफ दिलाने की बजाय पीड़ित परिवार की जमीन गिरवी रखकर उसे अपने कर्ज तले दबा दिया। 

इतना ही नहीं अनुदेशक एवं विद्यालय के शिक्षामिश्र के साथ मिलकर पीड़ित परिवार को पुलिस से शिकायत न करने एवं उसके इलाज के नाम पर आरोपी ने 30 हजार रुपये भी पीड़िता के पिता को दिया।

फर्जी पते पर आरोपी कर रहा था नौकरी

मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज उसके पते पर पहुंची तो इस फर्जीवाड़े का राजफाश हुआ। मूलरूप से बलिया जिले के सुखपुरा थाना क्षेत्र के देल्हुआ गांव निवासी आरोपी संविदा पर नौकरी पाने के लिए ओबरा का फर्जी निवास प्रमाण पत्र लगाया था।

नेताओं ने मृतका के घर पहुंच जताई संवेदना, दी आर्थिक मदद

अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष श्रवण गोंड़, पूर्व डीसीएफ चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रहरि के साथ दुद्धी मंडल अध्यक्ष सुमित सोनी, गोरख अग्रहरि समेत आधा दर्जन भाजपा नेता मंगलवार की सुबह मृतका छात्रा के घर पहुंच संवेदना जताते हुए कुछ आर्थिक सहायता दी। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

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