विद्युतीकरण का काम बंद होने से मजदूर खाली
गरौली एवं उत्तर-मध्य रेलवे के चोपन-चुनार रेलखंड में इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने में देरी हो सकती है। रेलवे द्वारा विद्युतीकरण के लिए पुन: टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन इसमें अभी महीने भर का और समय लग सकता है। विद्युतीकरण का कार्य बंद होने की वजह से दोनों रेल मार्गों पर लगभग एक हजार मजदूर बेरोजगार हो गये हैं।बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में बंदी के माहौल में वैकल्पिक तौर पर रेल विद्युतीकरण ने बेरोजगार हुए मजदूरों के लिए आंशिक जमीन तैयार
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-¨सगरौली व उत्तर-मध्य रेलवे के चोपन-चुनार रेलखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन में देरी हो सकती है। कारण कि रेलखंड के विद्युतीकरण का काम फिलहाल बंद है। रेलवे द्वारा इसके लिए पुन: टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन इसमें अभी महीने भर का और समय लग सकता है। विद्युतीकरण का कार्य बंद होने से दोनों रेल मार्गों पर काम में लगे लगभग एक हजार मजदूर बेरोजगार हो गये हैं। बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में बंदी के माहौल में वैकल्पिक तौर पर रेल विद्युतीकरण ने बेरोजगार हुए मजदूरों के लिए आंशिक जमीन तैयार की थी लेकिन काम बंद होने के कारण मजदूरों में पुन: मायूसी है।
नवंबर माह में रेलवे ने विद्युतीकरण में हो रही देरी के कारण काम करा रही कंपनी ईएमसी लिमिटेड को टर्मिनेट कर दिया था। कंपनी के टर्मिनेट होने में विद्युतीकरण में देरी के साथ ही कई अन्य पहलुओं को भी जिम्मेदार माना गया था। पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-¨सगरौली के विद्युतीकरण का कार्य वर्ष 2014 से चल रहा था, जिसे 2016 में पूरा होना था। वर्ष 2018 के अंत तक रेलखंड के बड़े हिस्से का कार्य पूरा नहीं हो पाया था। उधर उत्तर-मध्य रेलवे के चोपन-चुनार रेलखंड के विद्युतीकरण का कार्य भी वर्ष 2016 के अंत से शुरू हुआ था। इसमें भी काफी कार्य शेष बचा हुआ था। रेलवे ने ईएमसी कंपनी के सभी भुगतान रोकते हुए कई तकनीकि कार्रवाई की थी। कंपनी से काम वापस लेने के कारण उसके उपसंविदाकारों का करोड़ों रुपये का फंस गये हैं। जिसके कारण उपसंविदाकार पेशोपेश में हैं। पूर्व मध्य रेलवे के विद्युतीकरण के मुख्य परियोजना निदेशक एके चौधरी ने बताया कि विद्युतीकरण के लिए पुन: टेंडर प्रक्रिया शुरू की गयी है। बताया कि वे पूरी तरह आश्वस्त हैं कि 15 फरवरी तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। बताया कि जल्द लेटर आफ एसेप्टेंसी (एलओए) मिल जाएगा। उधर गुरुवार को सोनभद्र में आये धनबाद मंडल के डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि विद्युतीकरण का कार्य 2021 तक पूरा हो जाएगा। कुल 378 किलोमीटर में होना है विद्युतीकरण
देश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले मंडलों में दूसरे नंबर के पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद मंडल के गढ़वा रोड-चोपन-¨सगरौली रेलखंड के 257 किलोमीटर के हिस्से में विद्युतीकरण होना था। अक्टूबर 2013 में रूट के हिसाब से 257 किमी लंबे गढ़वा रोड-¨सगरौली रेलमार्ग के विद्युतीकरण कार्य को अनुमति प्रदान की गई। रूट के हिसाब से यह दूरी 347 किमी थी। जनवरी 2014 से रूट के विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2014 से लगभग 250 करोड़ की लागत से शुरू हुए कार्य में गढ़वा रोड से रेणुकूट तक गतवर्ष इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने में सफलता मिली थी। जनवरी 2019 में रेणुकूट से चोपन तक इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने का ट्रायल चल रहा था। चोपन तक विद्युतीकरण का कार्य लगभग पूरा हो गया था। इसके अलावा बिल्ली जक्शन से ¨सगरौली के बीच फाउंडेशन का कार्य 80 फीसद तक हो गया था। रेणुकूट और ओबरा डैम रेलवे स्टेशन के पास 25 केवी क्षमता के विद्युत उपकेंद्र का कार्य चल रहा था लेकिन अब विद्युतीकरण का कार्य ठप होने से परियोजना में और देरी की संभावना है। उधर उत्तर-मध्य रेलवे के चुनार-चोपन रेलखंड के 121 किमी हिस्से पर 129.66 करोड़ की लागत से वर्ष 2016 के अंत से कार्य चल रहा था।