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Sonbhadra News: महुअरिया में दो बच्चों के साथ दिखे नर व मादा तेंदुए, मिले पांव के निशान, बस्तियों में अलर्ट

शाहगंज कैमूर वन्य जीव विहार महुअरिया में नर व मादा तेंदुए ने दस्तक दे दी है। उनकी दहाड़ और जंगली क्षेत्र में उनके पैर के निशान मिले हैं। नर मादा दो तेंदुए के साथ दो बच्चे भी हैं। आसपास के बस्ती पर जाने पर ग्रामीणों को खतरा हो सकता है।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Sat, 10 Jun 2023 02:53 PM (IST)
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कैमूर वन्य जीव विहार महुअरिया में नर व मादा तेंदुए ने दस्तक दे दी है।
संवाद सूत्र, शाहगंज (सोनभद्र) : कैमूर वन्य जीव विहार महुअरिया में नर व मादा तेंदुए ने दस्तक दे दी है। उनकी दहाड़ और जंगली क्षेत्र में उनके पैर के निशान मिले हैं। नर मादा दो तेंदुए के साथ दो बच्चे भी हैं। आसपास के बस्ती पर जाने पर ग्रामीणों को खतरा हो सकता है। हालांकि अभी उनका रुख बस्तियों की ओर नहीं हुआ है। यह तेंदुए कहां से भटक कर आए हैं, इसके बारे में विभाग जानकारी ले रहा है। तेंदुए के चहलकदमी से लोग जंगल में जाने से भी कतराने लगे हैं।

तेंदुओं के अमदह जलप्रपात के पास होने की संभावना

वन्य जीव विहार महुअरिया में तैनात वन दारोगा सदानंद ने बताया कि इस वन्य जीव बिहार में एक नर व एक मादा तेंदुआ व उसके दो बच्चे मौजूद हैं। उन्हें अक्सर अमदह जलप्रपात व इको वैली के आसपास देखा गया है। यह नर मादा तेंदुआ दोनों बच्चों के साथ जंगल में भ्रमण कर रहे हैं। वन्य जीव विहार में घने जंगलों से घिरा अमदह जलप्रपात इनके लिए सबसे सुरक्षित जगह है और यहां पानी की भी उपलब्धता रहती है। वहीं जंगल से सटे आसपास के ग्रामीणों की मानें तो रात को तेंदुए जैसी भयानक आवाजें भी गूंजती रहती हैं। इधर दस दिनों से यह आवाजें सुनाई दे रही हैं।

गर्मी के दिनों में भी नहीं सूखता अमदह जल प्रपात का पानी

कैमूर वन्य जीव विहार महुआरिया में घने जंगलों से घिरा अमदह जलप्रपात गर्मी के दिनों में वन्यजीवों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस जलप्रपात में गर्मी के दिनों में भी पानी नहीं सूखता। लोग यहां तक बताते हैं कि इस जलप्रपात की गहराई का आकलन आज तक कोई नहीं कर पाया। यही नहीं इस जलप्रपात में पिकनिक मनाने गए कई लोगों की डूबने से मौत भी हो चुकी है। यह जलप्रपात गर्मी के दिनों में जंगली जानवरों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

कैमूर वन्य जीव विहार महुअरिया रेंजर श्याम नारायण उपाध्याय के अनुसार  तेंदुआ स्थान बदलकर रहते हैं। इनके घूमने का क्षेत्रफल करीब 25 से 40 वर्ग किमी होता है। मई में इन तेंदुए को कंडाकोट व ब्लैकबक घाटी के पास देखा गया था। तैनात वन्य कर्मी पूरी तरह से मुस्तैद हैं। वन कर्मियों को इन पर विशेष निगरानी का निर्देश दिया गया है।

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