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Ramnihor Yadav Interview: सपा जिलाध्यक्ष ने दैनिक जागरण से की खास बातचीत, चुनाव की तैयारियों व समीकरण समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा

लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल संगठनात्मक स्तर की तैयारी में लगे हैं। सभी दल स्थानीय मुद्दे जातीय समीकरण और अपनी पार्टी की रीति-नीति के आधार पर अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं। पिछड़ा दलित व अल्पसंख्यक का नारा देकर इस बार सपा चुनावी मैदान में है। इस दौरान जनपद के स्थानीय मुद्दे भी जीत-हार में अंतर पैदा करेगी। दैनिक जागरण से सपा जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव से बातचीत...

By Arvind Tiwari Edited By: Riya Pandey Updated: Sun, 14 Apr 2024 06:17 PM (IST)
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सपा जिलाध्यक्ष ने दैनिक जागरण से की खास बातचीत
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। Ramnihor Yadav Interview: लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल संगठनात्मक स्तर की तैयारी में लगे हैं। अब तक राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर सिर्फ बसपा की ओर से प्रत्याशी की घोषणा की गई। अन्य दलों से प्रत्याशी की घोषणा होनी है।

सभी दल स्थानीय मुद्दे, जातीय समीकरण और अपनी पार्टी की रीति-नीति के आधार पर अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं। पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक का नारा देकर इस बार सपा चुनावी मैदान में है। इस दौरान जनपद के स्थानीय मुद्दे भी जीत-हार में अंतर पैदा करेगी। दैनिक जागरण से सपा के जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव से बातचीत के अंश।

लोकसभा चुनाव को लेकर क्या रणनीति है?

सपा समाज के सभी वर्ग के हित की बात करने वाली पार्टी हैं। बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। चुनाव को लेकर सपा कार्यकर्ताओं व जनता में उत्साह है। वर्तमान सरकार से ऊब चुकी जनता का भरपूर सहयोग मिलेगा। सपा बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं को तीन हजार पेंशन, मनरेगा मजदूरी 450 रुपये और किसानों का पूरा कर्ज माफ करेगी।

प्रत्याशी चयन को लेकर क्या मानक अपना रहे हैं?

सपा हमेशा से कर्मठ कार्यकर्ताओं का प्रत्याशी के रूप में चयन करती है। जातीय संख्या के साथ तमाम मानक की कसौटी पर कसकर देखा जाता है। यथा, वह जनता की समस्याओं को नेतृत्व के सामने लाए और उसका निराकरण कराने में तत्पर रहे। सोच-समझ कर पार्टी प्रत्याशी की घोषणा की जाती है।

प्रत्याशी चयन में इतना विलंब क्यों?

प्रत्याशी चयन के लिए तमाम बैठकें होती हैं। उसमें क्षेत्र विशेष के समीकरण को ध्यान में रखकर चर्चा होती है। कार्यकर्ताओं की राय ले ली गई। चयन भी हो गया है। एक-दो दिन में सूची जारी हो जाएगी।

भाजपा के साथ चुनावी रण में क्या मुद्दा रहेगा?

भाजपा को जनता देख चुकी है। बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा के गिरते स्तर, उद्योग के बंद होने, पुरानी पेंशन समेत तमाम मुद्दों पर सरकार फेल है। पांच किलो राशन व हिन्दू-मुसलमान में उलझाने की भाजपा की फितर जनता समझ चुकी है। इस चुनाव में मतदाता हिसाब चुकता करेगा।

पूर्व में लगातार दो हार के बाद पार्टी का मनोबल कैसा है?

चुनाव में जीत-हार लगी रहती है। यह पार्टी समेत कार्यकर्ताओं को भी पता है। सभी उत्साहित हैं। अबकी सपा सरकार के कार्यकाल में हुए विकास व भाजपा की नाकामियों पर वोट मांगा जाएगा। जनता सपा की ओर देख रही है। सपा ताल ठोककर चुनाव जीत रही है।

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