ओबरा-सी के लिए रेलवे नेटवर्क को लेकर प्रक्रिया तेज
1320 मेगावाट क्षमता के निर्माणाधीन ओबरा सी के कोलहैंड¨लग प्लांट से जुड़े डीपीआर को रेलवे की मंजूरी के बाद उसके विभिन्न हिस्सों के निर्माण में तेजी आई है।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : 1320 मेगावाट क्षमता की निर्माणाधीन ओबरा-सी परियोजना के कोल हैंड¨लग प्लांट से जुड़े डीपीआर को रेलवे की मंजूरी के बाद उसके विभिन्न हिस्सों के काम में तेजी आ गई है। इसके साथ ही उत्पादन निगम ने कोयला और तेल परिवहन के लिए रेलवे नेटवर्क विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की है। गत माह ही कोल हैंड¨लग प्लांट के लिए उत्पादन निगम द्वारा पूर्व मध्य रेलवे को दी गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद ओबरा-सी प्रशासन ने कोल हैंड¨लग प्लांट का कार्य शुरू कर दिया था। गत 14 सितंबर को ओबरा-सी प्रशासन ने डीपीआर धनबाद रेल मंडल को सौंपा था। डीपीआर में सेंट्रल माइ¨नग रीसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमआरआइ) की रिपोर्ट को भी शामिल किया गया था। मंजूरी के बाद उत्पादन निगम ने रेलवे नेटवर्क के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। 42 करोड़ में विकसित होगा रेलवे नेटवर्क
ओबरा-सी के लिए आने वाले कोयले और तेल परिवहन के लिए रेलवे नेटवर्क विकसित करने में 42.90 करोड़ की अनुमानित लागत आई है। पूर्व मध्य रेलवे के चोपन-¨सगरौली रेलमार्ग के बगल में इस नेटवर्क को विकसित किया जाएगा। फिलहाल उत्पादन निगम की नई परियोजना इकाई द्वारा निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। संभावना है कि दिसंबर माह के अंत तक रेलवे नेटवर्क का कार्य शुरू हो जाए। इस प्रक्रिया के लिए उत्पादन निगम ने मेसर्स राइट्स को निविदाएं आमंत्रित करने के लिए अधिकृत किया है। इसके लिए चयनित क्षेत्र का समतलीकरण तेज कर दिया गया है। ओबरा-सी के महाप्रबंधक कैलाश गुप्ता ने बताया कि रेलवे द्वारा हमारे डीपीआर को दी गई मंजूरी के बाद रेलवे नेटवर्क विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है। रेल विभाग द्वारा मुख्य रेलमार्ग से यातायात पर कोई प्रभाव न पड़ने को लेकर आश्वस्त होने के बाद कोल हैंड¨लग प्लांट के निर्माण में तेजी आ गई है। इसके तहत मुख्य रेलमार्ग को कोल यार्ड की लाइनों को जोड़ने, पुरानी कुछ लाइनों को री रूट करने सहित कई कार्य किये जायेंगे।