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AAP सांसद संजय सिंह ने कोर्ट में किया सरेंडर, कोर्ट ने दे दी बड़ी राहत; क्या है मामला

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बुधवार को 2001 के सड़क पर दिए धरने के मामले में स्पेशल कोर्ट के सामने आत्म समर्पण किया। कोर्ट द्वारा उन्हें राहत देते हुए जमानत भी दे दी गई। संजय सिंह के वकील मदन सिंह ने बताया कि सिंह ने एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। जहां कोर्ट ने उन्हें 50 हजार के बॉन्ड पर जमानत दे दी।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 28 Aug 2024 06:38 PM (IST)
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आम आदमी पार्टी के नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह। जागरण

एजेंसी, प्रेट्रे, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बुधवार को 2001 के सड़क पर दिए धरने के मामले में स्पेशल कोर्ट के सामने आत्म समर्पण किया। कोर्ट द्वारा उन्हें राहत देते हुए जमानत भी दे दी गई। संजय सिंह के वकील मदन सिंह ने बताया कि सिंह ने एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। जहां कोर्ट ने उन्हें 50 हजार के बॉन्ड पर जमानत दे दी। 

उन्होंने बताया कि जमानत राशि इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर जमा कर दी गई थी, जिसने 22 अगस्त को सुल्तानपुर अदालत द्वारा दी गई सजा के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी।

बताते चलें कि स्पेशल कोर्ट ने पिछले साल 11 जनवरी को आप नेता को सुल्तानपुर जिले में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान यातायात में बाधा डालने और हिंसा भड़काने के लिए तीन महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और जुर्माना लगाया था।

आप राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने दाखिल किया मुचलका

पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव व आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने उच्च न्यायालय के आदेश पर बुधवार को अपने अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा के साथ एमपीएमएलए न्यायालय में मुचलका दाखिल किया।

विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय ने बताया कि बदहाल विद्युत व्यवस्था के विरुद्ध मार्ग जाम कर कानून व्यवस्था भंग करने पर संजय सिंह सहित छह आरोपित दोषी ठहराये गए थे। उन्हें तीन महीने कैद व डेढ़ हजार रूपये जुर्माने क़ी सजा सुनाई गई थी, जिसके विरुद्ध दायर उनकी अपील को निरस्त कर विचारण न्यायालय में समर्पण करने का आदेश हुआ था।

राज्य सभा सदस्य व पूर्व सभासद ने उच्च न्यायालय में रिवीजन दायर कर विचारण न्यायालय से उपस्थिति के लिए अवसर मांगा था, लेकिन उसे भी निरस्त कर दिया गया।

इसके बाद गुरुवार को रिवीजन पर न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार ने सुनवाई कर 50 हजार का मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया और अपील के निस्तारण तक सजा पर रोक लगा दी थी। उसी के अनुपालन में कार्यवाही की गई है।