UP NEWS : AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह सरेंडर करने पहुंचे कोर्ट, मजिस्ट्रेट ने सुनाया फिर यह फैसला
साल 2021 में थानाध्यक्ष ने राज्य सभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। मुकदमे में कहा गया था कि संजय सिंह अपनी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य के समर्थन में सभा कर रहे थे। जिसमें लोग मौजूद थे। चूंकि तब कोविड महामारी चल रही थी। ऐसी सभाओं के आयोजन से पहले मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होती है। संजय सिंह के पास कोई अनुमति नहीं थी।
जागरण संवाददाता, सुलतानपुर। महामारी व अचार संहिता अधिनियम उल्लंघन के मुकदमे में वारंट के बाद आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गुरुवार को विशेष न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। उन्हें एमपीएमएलए न्यायालय के मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने जमानत पर रिहा कर दिया।
2021 में थानाध्यक्ष ने लिखवाई थी एफआइआर
विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय ने बताया कि 13 अप्रैल 2021 को बंधुआकला थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार सिंह ने एफआईआर लिखाई थी। आरोप लगाया था कि दिन में साढ़े तीन बजे हसनपुर गांव में संजय सिंह अपनी पार्टी की जिपं सदस्य पद प्रत्याशी सलमा बेगम के पक्ष में सभा कर रहे थे, जिसकी अनुमति उनके पास नहीं थे। उनके साथ 50- 60 लोग और थे। उनके इस कृत्य से महामारी अधिनियम व अन्य कानूनों का उल्लंघन हुआ है।
विवेचना के बाद पुलिस ने संजय सिंह, मकसूद अंसारी, सलीम अंसारी जगदीश यादव, मकसूद, सुकई, धर्मराज, जीशान, सहबान, सिकंदर, जलील व अजय के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय भेजा।
अन्य आरोपितों ने जमानत करवा ली, लेकिन संजय के पेश न होने पर वारंट जारी कर दिया गया था। उनके अधिवक्ता रुद्र प्रताप सिंह मदन ने बताया कि उन्हें 20 हजार रुपये की दो जमानत और निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया गया है, जिसे दाखिल कर दिया गया है।
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