भाजपा काट सकती है मेनका गांधी का टिकट! अटकलों के बीच दावेदार लगा रहे दिल्ली तक दौड़; मोदी-शाह करेंगे इस सीट का फैसला
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। ऐसा तब है जबकि लगातार दो चुनावों से इस सीट पर पार्टी का कब्जा है। वर्तमान में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी यहां से सांसद हैं। इनका टिकट कटने की उम्मीद पाले दावेदारों के चेहरे पर चमक है। नहरा भविष्य और मजबूत सीट देखते हुए वे येनकेन प्रकारेण टिकट मिल जाए इसी में लगे हैं।
अजय सिंह, सुलतानपुर। लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। ऐसा तब है जबकि लगातार दो चुनावों से इस सीट पर पार्टी का कब्जा है। वर्तमान में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी यहां से सांसद हैं। इनका टिकट कटने की उम्मीद पाले दावेदारों के चेहरे पर चमक है। सुनहरा भविष्य और मजबूत सीट देखते हुए वे येनकेन प्रकारेण टिकट मिल जाए, इसी में लगे हैं। इसके लिए स्थानीय संगठन, संघ परिवार और प्रदेश स्तरीय नेताओं को साधने के साथ ही दिल्ली दरबार तक दौड़ लगा रहे हैं।
इस महत्वपूर्ण सीट का फैसला खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह स्तर से लिए जाने की चर्चा के बीच दावेदार अपना नाम उन तक पहुंचाने की जुगत भिड़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पार्टी के पुराने सिपाहियों के साथ ही कुछ नवेले भाजपाई भी सियासी तरकश में रखा टिकट रूपी तीर हासिल करने में जुटे हैं।हालांकि, इन सबके बीच यह बड़ा सवाल हर किसी के जेहन में है कि क्या पार्टी सिटिंग सीट से सांसद को इस बार न बोल देगी? ज्यादातर कार्यकर्ता इस पर यकीन नहीं कर रहे। वहीं, पार्टी के बारे में गहरी समझ रखने वाले यह कहने से नहीं हिचकिचाते ये भाजपा है, कब किसका पत्ता साफ हो जाए और किसकी गाड़ी पटरी पर आ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।
वर्तमान व पूर्व सांसद लगा रहे दिल्ली तक दौड़
पार्टी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा टिकट के लिए कुछ वर्तमान व पूर्व विधायक, संगठन के कुछ पदाधिकारी और नवागत कार्यकर्ता भी लाइन में लगे हैं। कुछेक तो हर हफ्ते-पखवारे दिल्ली तक दौड़भाग भी कर रहे हैं। बहरहाल अटकलों और दावेदारों की सक्रियता के बीच भाजपा का चुनाव कार्यालय गुलजार है।शायद ऐसा पहली बार है जब प्रत्याशी की घोषणा होने के पहले ही चुनाव कार्यालय खोल दिया गया। इसके पीछे मंशा बताई जा रही है कि चुनावी गतिविधियां चलती रहें, इसमें पार्टी विपक्षी दलों से आगे रहे। जब टिकट की घोषणा हो जाए तो उम्मीदवार सीधे क्षेत्र में निकल जाए। उसे कार्यालय खोलने और सक्रिय करने की झंझट से मुक्ति मिले। इसी सोच के साथ ही चुनाव कार्यालय प्रभारी विजय त्रिपाठी के साथ ही करीब दस पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।
जो रोजाना सुबह-शाम उपस्थित रहकर चुनाव कार्य की निगरानी व समीक्षा करेंगे। साथ ही संगठन की छोटी बैठकें भी यहीं होंगी। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव के लिए बनाए गए क्लस्टर प्रभारी मंत्री नंद गोपाल गुप्त नंदी, लोकसभा क्षेत्र प्रभारी दुर्गेश त्रिपाठी व संयोजक जगजीत सिंह छंगू भी सक्रिय हो गए हैं।शुक्रवार को दरियापुर स्थित पार्टी के चुनाव कार्यालय में मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी, सचिन चोपड़ा व रमेश माहेश्वरी के साथ मौजूद मिले। रघुवंशी ने बताया कि लाभार्थियों से संपर्क अभियान चल रहा है। इसकी समीक्षा रोज की जाती है। बूथ कमेटियों का गठन पूरा हो चुका है। पार्टी के कुछ नेता दिल्ली की बैठक में शामिल होने गए हैं।
जिलाध्यक्ष डा. आरए वर्मा कहते हैं कि बूथ तक को बेहद मजबूत कर दिया गया है। कितने डुप्लीकेट मत हैं, इस तक की जानकारी है। शनिवार व रविवार को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी व कार्य परिषद की बैठक भारत मंडपम में है। इसमें शामिल होने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव की दृष्टि से यह बैठक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संगठन पूरी तरह तैयार है, पार्टी स्तर से जिसे टिकट दिया जाएगा, उसे पिछली बार से अधिक मतों से विजय दिलाने का काम किया जाएगा।
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