'हम मजबूर हैं...', यूपी में लाइनमैनों से परेशान उपभोक्ताओं ने विधायक को लिखा पत्र, एक-एक कर गिना दिए सभी बहाने
गर्मी और बरसात में बिजली की दिक्कत से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं अगर लाइनमैन अपना काम करने में आना-कानी करे तो मुसीबत और बढ़ जाती है। बिजली उपकेंद्र शंकरगढ़ में कार्यरत लाइनमैनों की कार्यशैली के खिलाफ उपभोक्ता लामबंद हो गए। विधायक को पत्र लिख बताया कि अवर अभियंता-एसडीओ से बात की जाती है तो वे कहते हैं कि हम मजबूर हैं कार्रवाई नहीं कर सकते।
संवादसूत्र, धनपतगंज (सुलतानपुर)। बिजली उपकेंद्र शंकरगढ़ में कार्यरत लाइनमैनों की कार्यशैली के खिलाफ उपभोक्ता लामबंद हो गए। ग्राम पंचायत बरियौना, रामापुर, सेवरा, पटना, गौराबरन, चंदीपुर समेत अन्य गांवों के उपभोक्ताओं ने सोमवार को प्रधान अनीता के लेटर पैड पर हस्ताक्षर कर विधायक विनोद सिंह को शिकायती पत्र दिया।
आरोप लगाया कि सब स्टेशन पर लाइनमैनों की संख्या लगभग 15 है, लेकिन दो-तीन को छोड़कर, अन्य काम नहीं करते। समस्याओं के निदान के लिए उपभोक्ताओं का फोन भी नहीं उठाते। जब लाइन में फाल्ट आती है तो बगैर पैसा लिए मरम्मत नहीं करते।
पत्र में उपभोक्ताओं ने लिखा कि अवर अभियंता व एसडीओ से बात की जाती है तो वे कहते हैं कि हम मजबूर हैं, कार्रवाई नहीं कर सकते, कृपा करें। पत्र देने वालों में हिमांशु सिंह, आदर्श मिश्र, अजीत मिश्र, रिंकू मिश्र, डीके पांडेय, कृष्णदेव मिश्र, संदीप अग्रहरि, देवेंद्र मिश्र, बृजेश मिश्र, आदर्श सिंह, रिंकू, पंकज, प्रिंस सिंह, रंजीत कुमार, दीपक कुमार शामिल रहे।
13 वर्षों से ढिकुन्नी व भटपुर पीएचसी पर बिजली कनेक्शन नहीं
एक अन्य मामले में भरावन के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे तो बहुत किए जा रहे हैं, लेकिन दावों की पोल खोल रही है। भरावन के ढिकुन्नी व भटपुर पीएचसी पर 13 वर्षों से बिजली न होने से स्वास्थ्य सेवाएं हाफ रही हैं । वर्ष 2011 में तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रहे अब्दुल मन्नान व तत्कालीन डीएम एके सिंह राठौर के हाथों इसका लोकार्पण हुआ था, जिसके बाद से दोनों पीएचसी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं।
वर्ष 2011 में शुरू हुई भरावन की पीएचसी ढिकुन्नी व भटपुर में 13 वर्ष बीतने के बाद भी विद्युत व्यवस्था नहीं हो पाई है, जिससे इलेक्ट्रानिक मशीनें , पंखे , कूलर ठप पड़े हैं। पीएचसी ढिकुन्नी पर जाने के लिए खड़ंजा मार्ग जर्जर हो चुका है, जहां जाने के लिए मरीजों को जलभराव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है । ढिकुन्नी पीएचसी पर महिलाओं के प्रसव की पूरी व्यवस्था है, लेकिन बिजली व्यवस्था न होने के कारण यहां प्रसव नहीं होते हैं।
बस दुकान की तरह सुबह अस्पताल खुलता है और शाम को बंद हो जाता है। 2011 के बाद यहां पर कई अधीक्षक आए पर कोई समस्या का समाधान नहीं कर सका। स्वास्थ्य और बिजली विभाग एक दूसरे के बीच कागजी घोड़ा दौड़ा रहा है।
क्या बोले सीएचसी अधीक्षक?
दोनों पीएचसी जब बनी थी। उस समय बिजली कनेक्शन था। पता चला कि पीएचसी की स्थापना के कुछ माह बाद किसी तरह सेे कनेक्शन कट गया। अब बिजली कनेक्शन जोड़ने के लिए पुराने कनेक्शन केे कागज मांग रहा है, जोकि मिल नहीं रहे हैं। जिसकी छह माह से लगातार सूचना दी जा रही है। पुराने कागज न मिलने से जल्द ही नया कनेक्शन कराकर समस्या का समाधान कर लिया जाएगा -अरविंद मिश्रा सीएचसी अधीक्षक
ये भी पढ़ें -