सुलतानपुर से वाराणसी की सेंट्रल जेल में भेजे जाएंगे कैदी, जेल प्रशासन ने सूची बनानी कर दी शुरू
सुलतानपुर की जिला कारागार में बंद कैदियों को अब वाराणसी की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जाएगा। जेल प्रशासन ने ऐसे कैदियों की सूची बनानी शुरू कर दी है जिन्हें सात साल या उससे ज्यादा की सजा हुई है। अमेठी में जेल न होने की वजह से वहां के कैदी भी सुलतानपुर जेल में ही बंद हैं। इससे जेल में भीड़ बढ़ गई है।
संवाद सूत्र, सुलतानपुर। विभिन्न अदालतों से हत्या लूट, डकैती, चोरी, अपहरण, दुष्कर्म आदि आपराधिक मामलों में सजा पाए कैदी केंद्रीय जेल वाराणसी भेजे जाएंगे। जल्द ही इनको शिफ्ट कराने की पहल चल रही है। जिला कारागार में इन दिनों 260 कैदी निरुद्ध हैं। सात वर्ष या इससे अधिक की सजा पाए कैदियों को सेंट्रल जेल में ही रखे जाने का नियम है। अब तक यहां ऐसा बहुत कम हो रहा था। अब जेल प्रशासन की ओर से ऐसे कैदियों की सूची बनाई जा रही है।
अमेठी में जेल न होने की वजह से आपराधिक वारदातें होने पर वहां के बंदी इसी कारागार में निरुद्ध किए गए हैं। यहीं विभिन्न अदालतों से आपराधिक घटनाओं के विचारण के बाद अपराधों में संलिप्त बंदियों को सजा सुनाई जाती है। सजा पाए कैदियों में से ज्यादातर अमेठी के ही रहने वाले हैं। इनकी वजह से जेल में भीड़ बढ़ गई है।
जेल में 569 बंदियों की क्षमता
जिला कारागार 569 बंदियों / कैदियों को रखने की क्षमता है। इन दिनों 12 सौ से अधिक यहां निरुद्ध हैं। कारागार में निर्धारित क्षमता के हिसाब से बंदीरक्षकों की तैनाती की जाती है। बंदियों की संख्या अधिक होने की वजह से निगरानी में मुश्किल होती है। इसके चलते कभी-कभार घटनाएं भी हो जाती हैं। अमेठी में जेल भवन का निर्माण चल रहा है। वहां जेल के क्रियाशील होने के बाद उस जिले के बंदियों को अमहट जेल आने से मुक्ति मिल जाएगी।जेल में हैं 19 बैरकें
आपराधिक घटनाओं में अदालतों से जेल भेजे गए बंदियों के लिए जेल में 19 बैरकें हैं। इन्हीं में बंदियों को निरुद्ध किया जाता है। जगह के अभाव में बंदियों और जेल प्रशासन को भी समस्या हो रही है।
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