घरवालों ने मरा समझकर कर दिया था अंतिम संस्कार… फिर अचानक जिंदा हो गया शख्स, जानी सच्चाई तो नहीं कर पाए यकीन
पिछले 17 साल से वह लखनऊ के आलमबाग थाने में पानी की सप्लाई का काम कर जीविकोपार्जन करते रहे। इस बीच उनकी मुलाकात थाने के बगल सैलून पर काम करने वाले हलियापुर रामपुर बबुआन के कृष्ण कुमार शर्मा से हो गई। कृष्ण कुमार सोमवार को अनिल को लेकर उनके घर पहुंचे। पिता सेवानिवृत शिक्षक वीरेंद्र सिंह व अन्य परिवारजन बेटे को अपने बीच पाकर खुशी से झूम उठे।
संवाद सूत्र, बरौंसा (सुलतानपुर)। घरवालों ने पांच साल पहले मृत समझ कर जिस बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया था। वह 17 साल बाद वापस घर लौटा तो परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा। गांव के लोगों ने माला पहनाकर उसका स्वागत किया। अपनों के बीच आकर वह भी खुश है।
जानकारी के मुताबिक, पलिया निवासी अनिल सिंह नोएडा में रहकर नौकरी करते थे। अगस्त 2007 में वह घर आने के लिए बस पकड़े। नोयडा में बस पर सामान रखकर वह पानी लेने चले गए। इसी बीच बस चली गई। परिजनों ने बताया कि सामान और रुपये गायब होने की वजह से वह घर नहीं आए।
लखनऊ में बिताया 17 साल
पिछले 17 साल से वह लखनऊ के आलमबाग थाने में पानी की सप्लाई का काम कर जीविकोपार्जन करते रहे। इस बीच उनकी मुलाकात थाने के बगल सैलून पर काम करने वाले हलियापुर रामपुर बबुआन के कृष्ण कुमार शर्मा से हो गई।
कृष्ण कुमार सोमवार को अनिल को लेकर उनके घर पहुंचे। पिता सेवानिवृत शिक्षक वीरेंद्र सिंह व अन्य परिवारजन बेटे को अपने बीच पाकर खुशी से झूम उठे।
मां के साथ कर दिया अंतिम संस्कार
चचेरे भाई संजय सिंह ने बताया कि अनिल सिंह की मां का 2019 में देहांत हो गया था। इस दौरान मां के साथ ही परिजनों ने उन्हें मृत मानकर अंतिम संस्कार कर दिया था। अनिल सिंह को घर तक पहुंचाने में आलमबाग थाने के इंस्पेक्टर शिव शंकर महादेवन, मालखाना इंचार्ज सोहेल अहमद और रविंद्र प्रताप सिंह का विशेष योगदान रहा।
गांव के सुभाष सिंह, विनोद सिंह, वीर लखन सिंह, राघवेंद्र श्रीवास्तव ने आलमबाग थाने के पुलिसकर्मियों और कृष्ण कुमार शर्मा के प्रति आभार जताया।
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