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मिसाल बना सुलतानपुर का यह परिवार, सात बच्‍चों में से पांच बने अधिकारी, तीन क्‍लियर कर चुके हैं UPSC

UPSC EPFO APFC 2023 Final Result यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) एपीएफसी (सहायक भविष्य निधि आयुक्त) के परिणाम का इंतजार अब खत्‍म हुआ है। संघ लोक सेवा आयोग ने सहायक भविष्य निधि आयुक्त (APFC) का परिणाम घोषित कर दिया है। इस परीक्षा में देश के 159 लोगों ने सफलता पाई है। वहीं सुलतानपुर में भाई-बहन ने एक साथ परीक्षा को पास कर लिया।

By Ajay Kumar Singh Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 19 Jul 2024 12:31 PM (IST)
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परिवार संग खुशी का इजहार करते वंशराज द्विवेदी (दाएं से दूसरे)। जागरण
संदीप अग्रहरि, जागरण। कादीपुर (सुलतानपुर): बरवारीपुर गांव के वंशराज द्विवेदी जीवन बीमा निगम में कार्य करते हैं । उनका सपना था कि बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर उस मुकाम पर पहुंचें, जिससे अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बन सकें। उनका यह स्वप्न लगभग पूरा हो चुका है।

सात में पांच बच्चे अधिकारी बन गए। एक बेटा सिविल सर्विस में जाने की तैयारी कर रहा है। इस परिवार को लोग आफिसर्स फेमिली कहते हैं। इसके मुखिया और सदस्यों की मिसाल दी जा रही है।

बेटी व बेटे (निखिल- प्रिया द्विवेदी) का एक साथ चयन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन विभाग में उपायुक्त पद पर हुआ। इसका परिणाम 15 जुलाई को आया था।

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बड़ी बेटी ने घर में बनाया पढ़ाई का माहौल

परिवार की सबसे बड़ी बेटी प्रियंका द्विवेदी ने घर में पढ़ाई का माहौल बनाया। अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडल हासिल कर भाइयों व बहन को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। हालांकि, शादी होने के बाद वह घर-गृहस्थी में लग गईं। इसके बाद इस घर के बच्चों में अधिकारी बनने की होड़ सी लग गई।

सबसे पहले बड़े पुत्र रविशंकर द्विवेदी पीसीएस अधिकारी बने। वह प्रयागराज में डीपीआरओ हैं । दूसरे नंबर के निश्चय द्विवेदी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं। तीसरे नंबर के शिवम द्विवेदी चौरी चौरा में उपनिबंधक हैं। चौथे नंबर के निखिल द्विवेदी आजमगढ़ में क्षेत्रीय वन अधिकारी थे। अब डिप्टी कमिश्नर के पद पर इनका चयन हुआ है।

पांचवें नंबर के निर्भय द्विवेदी अमेठी में नायब तहसीलदार हैं। सबसे छोटी बिटिया प्रिया द्विवेदी का भी चयन डिप्टी कमिश्नर के पद पर हो गया है। अब वंशराज के पांच बच्चे अधिकारी हैं, जो क्षेत्र के लिए भी गौरव का बात है।

सामाजिक गतिविधियों में भी लेते रहे हिस्सा

वंशराज द्विवेदी बताते हैं कि सारे बच्चे पढ़ने के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों में भी हिस्सा लेते रहे । सब विद्या भारती के छात्र संसद के प्रधानमंत्री भी रहे। वहीं, निर्भय द्विवेदी विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी रहे हैं। मूलत: कृषि कार्य में रुचि रखने वाले वंशराज सफलता के पीछे समाज के सहयोग के साथ ही बच्चों की मेहनत को भी अहम वजह मानते हैं।

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मां की डांट देती है अनुशासन की सीख

बकौल वंशराज बड़ी बिटिया डा. प्रियंका द्विवेदी और बड़े बेटे रविशंकर द्विवेदी ने पूरे परिवार को सही दिशा देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। वह बताते हैं कि घर पर जब बच्चे आते हैं तो वे परिवार के अनुशासन का पूरी तरह पालन करते हैं। मां की डांट आज भी इन सबको अनुशासन में रहने की सीख देती है।

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