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हर माह डेढ़ करोड़ कमाने वाले विभाग का नहीं खुलता ताला, तस्वीर ही बयां कर रही बहुत कुछ; लापरवाही का असर भी दिखने लगा

सुलतानपुर में आबकारी विभाग के कार्यालय की बदहाली और कर्मचारियों की लापरवाही से शराब की दुकानें मनमानी कर रही हैं। कई दुकानें शासनादेश को दरकिनार कर संचालित हो रही हैं जिससे छात्र - छात्राओं को भी परेशानी हो रही है। विभाग के पास पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। विभाग के दफ्तर में ताला लटका दिखाई पड़ता है।

By Surendra Verma Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 19 Sep 2024 04:08 PM (IST)
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लंभुआ स्थित आबकारी कार्यालय में बंद ताला। जागरण

संवाद सूत्र, लंभुआ (सुलतानपुर)। तहसील के आवासीय भवन में आबकारी विभाग का कार्यालय है। खबर के साथ लगे चित्र को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसका ताला कितने दिनों से नहीं खुला है। यहां तैनात अधिकारी-कर्मचारी कहां बैठते हैं, बताने वाला कोई नहीं है। ऐसा तब है जबकि क्षेत्र में कई मदिरा की दुकानें शासनादेश को दरकिनार कर संचालित की जा रही हैं।

48 दुकानों की निगरानी राम भरोसे

हनुमानगंज, कामतागंज, मदनपुर, लंभुआ, शंभूगंज, सोनावां, कोइरीपुर, चांदा, कोथरा, आनापुर, नरहरपुर, बूधापुर, रजवाड़े रामपुर, तातोमुरैनी समेत कुल 48 स्थानों पर शराब, बियर की दुकानें क्षेत्र हैं। इन सबसे प्रतिमाह एक करोड़ 51 लाख रुपये राजस्व की प्राप्त होती है। बावजूद इसके इनकी देखभाल का जिम्मा उठाने वाला विभाग अपनी जिम्मेदारी से बेफिक्र है।

कागज में तैनात है पूरा स्टाफ

आबकारी विभाग के कार्यालय में तहसील क्षेत्र के लिए तीन कांस्टेबल, दो हेड कांस्टेबल व एक निरीक्षक की तैनाती है, लेकिन ये कहां रहते हैं, बताने वाला कोई नहीं है।

नियम को धता बता चल रहीं दुकानें

कामतागंज के राम आसरे व दीनानाथ कहते हैं कि शंभूगंज रोड पर कस्बे से करीब पांच सौ मीटर दूर नहर पटरी पर ही बियर, अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानें संचालित हैं। ठेका के दो सौ मीटर के दायरे में ही दो इंटरकालेज हैं, जहां सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं का आना-जाना होता है। ठेका के आसपास शराबियों व अराजकतत्वों का जमावड़ा रहता है। खासकर छात्राओं को परेशानी होती है।

शिवशंकर उपाध्याय व मनोज कहते हैं कि लंभुआ नगर पंचायत के दुर्गापुर रोड पर उपनिबंधक कार्यालय के सामने देशी मदिरा की दुकान है। बगल ही बीआरसी कार्यालय व परिषदीय विद्यालय है। यहां आए दिन प्रिंट रेट से अधिक दाम लेकर मदिरा बेचने का आरोप भी लगता है।

जिला मुख्यालय से करते काम

आबकारी निरीक्षक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि संसाधनों के अभाव व स्टाफ की कमी के चलते हम लोग मुख्यालय से ही फील्ड में जहां शिकायत मिलती है, जाते हैं। शासनादेश के अनुरूप काम करने का प्रयास किया जाता है।

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