Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

स्टेशन पर एलईडी डिस्प्ले बंद, शोपीस बने कोच इंडीकेटर

??????????, ????????? : ??? ?? ??????? ? ?????? ????? ???????? ??? ????? ????????? ?????? ?? ?????? ???????? ????? ???? ??????????? ?? ?????? ?????? ????????? ???? ???? ????? ???????? ?????? ?? ??? ??? ???????????? ?? ??? ??? ??????? ???????? ????? ???? ?? ?? ???? ????? ???? ???? ?? ??????? ?? ????? ?? ??? ????-???? ?? ???? ??? ??????? ?? ?????? ???????? ?? ?????? ?? ???? ?? ????? ???? ?? ??? ???? ????? ????????? ?? ?????????? ?? ????? ???? ??? ??? ???

By JagranEdited By: Updated: Sat, 29 Sep 2018 10:52 PM (IST)
Hero Image
स्टेशन पर एलईडी डिस्प्ले बंद, शोपीस बने कोच इंडीकेटर

सुलतानपुर : देश के चु¨नदा ए श्रेणी रेलवे स्टेशनों में शामिल सुलतानपुर जंक्शन पर यात्री सुविधाएं बदहाल हैं। रेलगाड़ियों की मौजूदा स्थिति प्रदर्शित करने वाला एलईडी डिस्प्ले महीनों से बंद है। प्लेटफार्मों पर लगे कोच गाइडेंस इंडीकेटर शोपीस बनकर रह गए हैं। जिससे लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव के समय अफरा-तफरी मच जाती है। अधिकारी इन मूलभूत सुविधाओं की बदहाली पर तनिक भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

व्यवसायिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थानीय जंक्शन पर बेगमपुरा, श्रमजीवी, कुंभ, उपासना, सुहेलदेव, महामना, सदभावना, लोकमान्य तिलक, साकेत व दुर्ग समेत तकरीबन साठ जोड़ी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होता है। भाजपा सरकार के केंद्र में सत्तासीन होने के बाद पहले से आदर्श की श्रेणी में शामिल सुलतानपुर स्टेशन का उच्चीकरण करने के लिए ए श्रेणी में चयनित किया गया था। जिसके बाद यहां पर वाई-फाई, स्वचालित सीढि़यां व लिफ्ट आदि सुविधाएं बढ़ाने की योजना बनी, मगर यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं में सुधार नहीं किया गया। मुख्य प्रवेश द्वार पर लगा एलईडी डिस्प्ले लगभग दो वर्ष से बंद है। प्लेटफार्म नंबर एक व तीन पर लगे कोच गाइडेंस इंडीकेटर भी नहीं चल रहे हैं। दो नंबर प्लेटफार्म पर इंडीकेटर की व्यवस्था ही नहीं है। इससे सबसे अधिक परेशानी महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को होती है। ट्रेनों के ठहराव के दौरान उन्हें संबंधित बोगी ढूंढने में जद्दोजहद करनी पड़ती है।

यात्री बोले, ट्रेन छूटने का बना रहता है डर

कूरेभार निवासी रोहित का कहना है कि कोच गाइडेंस इंडीकेटर के अभाव में ट्रेन छूटने का डर बना रहता है, क्योंकि प्रमुख गाड़ियों के ठहराव का समय मात्र दो से पांच मिनट ही होता है। लम्भुआ निवासी मनोज कुमार, इस्लामगंज निवासी इमरान व जय¨सहपुर निवासी सुरेश मिश्रा कहते हैं कि एलईडी डिस्प्ले बंद होने से ट्रेन की सही जानकारी नहीं मिल पाती है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें