मानव वध में तीन को उम्रकैद और जुर्माना
विशेष सत्र न्यायाधीश ने मंगलवार को उम्रकैद व 12-12 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 24 Mar 2021 12:07 AM (IST)
संवादसूत्र, सुलतानपुर : मानव वध व अनुसूचित जाति के उत्पीड़न में दोषी ठहराए गए तीन लोगों ने विशेष सत्र न्यायाधीश राकेश यादव ने मंगलवार को उम्रकैद व 12-12 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने आधी जुर्माना राशि मृतक के बेटे को देने का आदेश दिया है।
प्रकरण गोसाईगंज थाना क्षेत्र के रंडौली मुसरा का है, जहां 18 जून 98 को छप्पर रखने के विवाद में मारपीट हो गई थी। इस घटना में छट्टू, वंशू व ननकऊ को चोट लगी थी। संतोष, देवनरायन व रमाशंकर के खिलाफ अनुसूचित जाति के उत्पीड़न व मारपीट का मुदकमा दर्ज हुआ था। इसी क्रम में 25 जून 98 को छट्टू की मौत हो गई तो मामला गैर इरादतन हत्या में तरमीम कर लिया गया। विचारण के दौरान आठ गवाह अदालत में पेश हुए। विशेष लोक अभियोजक गोरखनाथ शुक्ला ने बताया कि गवाही देने आए देवेंद्र व श्रीनारायन को अदालत ने विचारण के दौरान मुकदमे में अभियुक्त के रूप में तलब किया, जिसके विरुद्ध दोनों उच्च न्यायालय चले गए। इससे उनका विचारण अलग कर दिया गया। दोषी ठहराए गए तीनों अभियुक्तों की सजा पर अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद सजा सुनाई और जेल भेज दिया गया। वहीं, जुर्माना राशि नहीं अदा करने पर दो साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अपहरण व दुष्कर्म के आरोपित को सात साल की सजा :
बालिका को अगवा कर दुष्कर्म करने के एक आरोपित को विशेष सत्र न्यायाधीश पीके जयंत ने सात साल कैद व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा मंगलवार को सुनाई। घटना अमेठी जिले के गौरीगंज थाना क्षेत्र की है। अभियोजन के अनुसार तीन अक्टूबर 2008 को पीड़ित बालिका को कटरा लालगंज निवासी रामउदित मौर्या बहला-फुसलाकर साथ ले गया था। नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अभियोजन की ओर से आठ गवाह अदालत में पेश किए गए। उपलब्ध साक्ष्यों व गवाहों के बयान सुनने के बाद विशेष अदालत ने आरोपित को दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।
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