आधार की तरह अब छात्रों के पास होगा 12 अंकों का नया आईडी नंबर, जानिए क्या है APAAR और कैसे करता है काम?
APAAR ID आधार की तरह अब हर छात्र का 12 अंकों का अपार कार्ड (APAAR ID) बनेगा। इसमें उनकी शैक्षिक उपलब्धियों समेत अन्य रिकॉर्ड दर्ज होंगे। यह वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर काम करेगा। इसकी मदद से भविष्य में उनकी शैक्षिक प्रगति व उपलब्धि की ट्रैकिंग की जा सकेगी। इसे यू-डाइस पोर्टल के जरिए बनाया जाएगा।
संवादसूत्र, जागरण सुलतानपुर । APAAR ID: आधार कार्ड की तरह अब हर छात्र का 12 अंकों का अपार कार्ड (आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री) बनाया जाएगा। इसमें उनकी शैक्षिक परिलब्धियों समेत अन्य रिकॉर्डों का विवरण दर्ज होगा।
वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर इसका उपयोग किया जा सकेगा। यह कार्ड बेसिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए बनाया जाएगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व जिला समाज कल्याण अधिकारी को पत्र निर्गत कर अपार कार्ड बनाए जाने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए हैं।
इसमें कहा गया है कि यह एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें छात्रों के लिए 12 अंकों का एक यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। इसकी मदद से भविष्य में उनकी शैक्षिक प्रगति व उपलब्धि की ट्रैकिंग की जा सकेगी।
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यू डायस पोर्टल के माध्यम से ही बनाई जा सकेगी अपार आईडी
आउट आफ स्कूल बच्चों का चिह्नीकरण तथा उनकी शैक्षिक यात्रा, उनके अंक पत्र आदि का विवरण संबंधित अपार आईडी में सुरक्षित हो जाएंगे। डिजिलॉकर की सहायता से सभी अकादमिक अभिलेख को प्राप्त किया जा सकेगा। इस व्यवस्था से ड्रॉप आउट दर को कम किया जा सकेगा तथा ऐसे बच्चों को फिर से शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करने में सहायक सिद्ध होगा।
यू डायस पोर्टल के माध्यम से ही अपार आईडी बनाई जा सकेगी। वहीं, केंद्रीय विद्यालय व नवोदय विद्यालय के कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों की अपार आईडी जारी की जा चुकी है। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों से सहमति पत्र लिया जाएगा।
अपार आईडी बनने से छात्रों को काफी लाभ होगा। सूचनाओं की छानबीन भी आसान होगी। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अभिभावकों के सहमति पत्र को अंतिम रूप देने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को कहा गया है। इस सहमति पत्र को गूगल शीट में अपडेट करना है। -उपेंद्र गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी