Move to Jagran APP

सुलतानपुर में फिर खिलेगा 'कमल'! सपा के रामभुआल को पीछे छोड़ मेनका रचेंगी नया रिकॉर्ड; एग्जिट पोल में कुछ ऐसे दिखे नतीजे

जनता-जनार्दन ने जनादेश दे दिया है। उसने किसके नाम और चुनाव चिह्न पर मुहर लगाई यह ईवीएम में कैद है। चार जून को मतगणना के साथ ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। कौन से मुद्दे भारी पड़े। किसकी मेहनत व रणनीति रंग लाई। किसने कहां भितरघात किया यह सब आईने की तरह साफ होगा। वहीं दूसरी ओर मेनका गांधी या रामभुआल निषाद की जीत से नया रिकॉर्ड बनेगा।

By Ajay Kumar Singh Edited By: Riya Pandey Updated: Sat, 01 Jun 2024 10:12 PM (IST)
Hero Image
एग्जिट पोल देख खिलीं भाजपाइयों की बांछें, सुलतानपुर सीट की जीत का कर रहे दावा
अजय सिंह, सुलतानपुर। जनता-जनार्दन ने जनादेश दे दिया है। उसने किसके नाम और चुनाव चिह्न पर मुहर लगाई, यह ईवीएम में कैद है। चार जून को मतगणना के साथ ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। कौन से मुद्दे भारी पड़े। किसकी मेहनत व रणनीति रंग लाई। किसने कहां भितरघात किया, यह सब आईने की तरह साफ होगा।

वहीं, दूसरी ओर मेनका गांधी या रामभुआल निषाद की जीत से नया रिकॉर्ड बनेगा। इस बीच शनिवार को आए एग्जिट पोल देखकर भाजपाइयों की बांछें खिल गईं। वे सरकार बनने के साथ ही सुलतानपुर सीट पर विजय का दावा भी कर रहे हैं।

18 लाख 52 हजार 590 के सापेक्ष इस बार करीब 10 लाख 30 हजार 583 वोट पड़े। मतदान का प्रतिशत 55. 61 प्रतिशत रहा जो पिछली बार के सापेक्ष प्वाइंट 77 प्रतिशत कम रहा। भीषण गर्मी को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। मतदान प्रतिशत पर नजर डालने से पता चलता है कि इस बार कोई बड़ा उलटफेर होने के संकेत नहीं हैं। पिछली बार रनर या विनर को जितने मत मिले थे, उसी के इर्द-गिर्द ही आंकड़ा होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

पांच लाख वोट के करीब की उम्मीद में भाजपाई

इस बार भी जीत के लिए चार लाख का आंकड़ा पार करना होगा। यह भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान सांसद मेनका गांधी को मिलेगा या फिर इंडी गठबंधन समर्थित सपा प्रत्याशी रामभुआल निषाद अथवा बसपा के उदराज वर्मा को, इसका पता तो वोटों की गिनती के बाद चल सकेगा। हालांकि, भाजपा के लोग करीब पांच लाख वोट मिलने की उम्मीद जता रहे तो सपाई भी आंकड़ा चार लाख से ऊपर होने का दावा कर रहे। बसपा कार्यकर्ता भी स्थिति को कमतर नहीं आंक रहे।

वहीं, जानकारों का कहना है कि जीत-हार का अंतर 50 हजार से एक लाख के बीच होगा। विजेता को कम से कम साढ़े चार लाख वोट पाना जरूरी होगा। इस आंकड़े के करीब मेनका गांधी दिख रही हैं। वहीं, सपा भी तब पहुंच सकती है, जब उसे अति पिछड़ी जाति के 50 और दलितों के करीब 25-30 प्रतिशत वोट मिले होंगे। बसपा के तीसरे पायदान पर ही रहने की उम्मीद है।

इसौली, सुलतानपुर व सदर विधानसभा में कुर्मी व निषाद वोटों का बिखराव भाजपा के लिए खतरे का संकेत है। हालांकि, संतोषजनक बात यह है कि उसे पिछली बार दलित वोट नाममात्र मिले थे, इस बार ज्यादा वोट मिलने की बात कही जा रही है।

सपा-बसपा के अलग लड़ने से फायदा

सपा-बसपा के अलग लड़ने से उसको खास फायदा नजर आ रहा है। वहीं, आरक्षण व संविधान के मुद्दे पर भी दलितों का वोट सपा को भी मिलने की बात कही जा रही है। इस बीच, भाजपा में भितरघात होने की भी सुगबुगाहट तेज है। बहरहाल जीत-हार के दावे हर कोई अपने तरीके से कर रहा है, लेकिन सच्चाई चार जून को ही सामने आएगी।

भाजपा ने वर्तमान सांसद मेनका गांधी व सपा ने पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को चुनाव लड़ाया है। मेनका गांधी जीतीं तो भाजपा की हैट्रिक लगेगी। साथ ही वह नौवीं बार सांसद निर्वाचित होकर नया रिकॉर्ड बनाएंगी। वहीं, यदि रामभुआल निषाद जीते तो भी रिकॉर्ड बनेगा। कारण, इस सीट पर अब तक कभी सपा नहीं जीत सकी। बसपा के हाथी की चाल कहां तक पहुंचेगी, यह भी परिणाम घोषित होने के बाद पता चलेगा।

भाजपा जिलाध्यक्ष डा. आरए वर्मा कहते हैं कि हम लोग जीत के प्रति आश्वस्त हैं। जीत का अंतर प्रतिद्वंदी से कितना रहेगा, यह देखने वाली बात होगी। एग्जिट पोल से साफ हो गया कि इस बार भी भाजपा की सरकार बनेगी। वहीं, सपा जिलाध्यक्ष रघुवीर यादव भी जीत का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि एग्जिट पोल परिणाम आने पर धरे के धरे रह जाते हैं।

भितरघातियों पर हाईकमान की निगाह

ऐन चुनाव के वक्त भाजपा के कुछ नेता व सक्रिय कार्यकर्ता भूमिगत की स्थिति में आ गए थे। चुनाव प्रचार और अन्य कार्यक्रमों से किनारा कस लिया था। ऐसे लोग प्रदेश हाईकमान की निगाह में हैं। विजय मिली तो महज चेतावनी मिलेगी, जबकि हार पर पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। इसके लिए कुछ नेताओं के बूथ के आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। वहीं, सहयोगी दलों के लोगों की भूमिका को लेकर भी बात ऊपर तक पहुंच चुकी है।

यह भी पढ़ें- UP Exit Polls Result 2024: जीती हुई पांच सीटों पर भी मायावती को मिल रहीं शून्य सीटें! अब क्या होगा बसपा का भविष्य?

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।