मानहानि केस में अब 22 को होगी राहुल गांधी के खिलाफ सुनवाई, इस वजह से आगे नहीं बढ़ सकी प्रक्रिया
विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय ने बताया कि भाजपा नेता विजय मिश्र ने राहुल गांधी पर परिवाद दायर किया है। आरोप है कि उन्होंने कर्नाटक की एक जनसभा में गृहमंत्री को हत्यारा कहा जबकि जिस जस्टिस लोया की मृत्यु के मामले में उन्होंने वक्तव्य दिया उसमें सर्वोच्च न्यायालय ने शाह को निर्दोष घोषित कर दिया है। राहुल का यह बयान मानहानि के लिए पर्याप्त मानकर तलब किया था।
संवाद सूत्र, सुलतानपुर। शुक्रवार को एमपीएमएलए न्यायालय में कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी के विरुद्ध मानहानि के मुकदमे में सुनवाई होनी थी। न्यायाधीश योगेश यादव के अवकाश पर होने के कारण 22 अप्रैल की तिथि लगा दी गई।
विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय ने बताया कि भाजपा नेता विजय मिश्र ने राहुल गांधी पर परिवाद दायर किया है। आरोप है कि उन्होंने कर्नाटक की एक जनसभा में गृहमंत्री को हत्यारा कहा, जबकि जिस जस्टिस लोया की मृत्यु के मामले में उन्होंने वक्तव्य दिया, उसमें सर्वोच्च न्यायालय ने शाह को निर्दोष घोषित कर दिया है।
राहुल का यह बयान मानहानि के लिए पर्याप्त मानकर विशेष न्यायालय के न्यायाधीश योगेश यादव ने उन्हें सुनवाई के लिए तलब किया था। इस पर 20 फरवरी को न्यायालय में उपस्थित होकर उन्होंने जमानत करवा ली थी। उन्हें प्रत्येक पेशी पर व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए छूट भी प्रदान की गई है, लेकिन आरोपों पर जवाब देने के लिए न्यायालय आना ही होगा।
वहीं, पिछली पेशी पर परिवादी के अधिवक्ता संतोष पांडेय ने राहुल गांधी के विरुद्ध गिरफ्तारी का वारंट जारी करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया था, जिसकी सुनवाई अगली पेशी पर होगी।
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