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सुलतानपुर के रमाकांत यादव को सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, गश्त के दौरान सर्पदंश का हुए थे शिकार

भारत-पाकिस्तान बार्डर पर सर्पदंश का शिकार हुए सुलतानपुर के रमाकांत यादव को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। करीब पांच किलोमीटर तक सैकड़ो युवा गांव तक सैन्य ट्रक के साथ पैदल गए। इस दौरान भारत माता के जयकारे भी गूंजे।

By Vikas MishraEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 01:57 PM (IST)
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सर्पदंश का शिकार हुए सैनिक रमाकांत यादव का शव मंगलवार को गांव पहुंचा।

सुलतानपुर, संवाद सूत्र। भारत-पाक सीमा पर पैदल गश्त के दौरान सर्पदंश का शिकार हुए सैनिक रमाकांत यादव का शव मंगलवार को गांव पहुंचा। डकाही बाईपास से लोगों ने अयोध्या से आई डोगरा रेजीमेंट की ट्रक को फूल - माला से सजा दिया। दिवंगत सैनिक के फोटो से बने बड़े बैनर भी ट्रक पर लगाये गए। युवाओ की भीड़ के साथ शव यात्रा निकली तो नगर क्षेत्र में पुष्पवर्षा की गई। भारत माता के जयकारे भी गूंजे। 

भाजपा विधायक सीताराम वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष डाक्टर आरए वर्मा, सांसद प्रतिनिधि रणजीत सिंह, सपा जिलाध्यक्ष पृथ्वीपाल यादव, एसडीएम महेन्द्र श्रीवास्तव समेत कई गणमान्य लोग सैनिक के परिजन को ढांढस बंधाने पहुँच गए। करीब पांच किलोमीटर तक सैकड़ो युवा गांव तक सैन्य ट्रक के साथ पैदल गए। शव को घर के सामने रखा गया तो पिता राजेन्द्र यादव व मां श्यामला फफक पड़े। बहन खुशबू ने भी भाई को नम आंखों से विदाई दी।

इस दौरान करीब 30 परिवार वाले इस पुरवे में खड़े होने भर की जगह नहीं रही। गांव की पगडंडी तक भीड़ से भर गई थी। खेतों से होकर लोगों का हुजूम सैनिक के अंतिम दर्शन के लिए पहले घर , फिर समाधिस्थल की ओर उमड़ पड़ा। पंचायत भवन के नजदीक ग्राम समाज की भूमि में सैनिक के शव को समाधिस्थ किया गया। रमाकांत राजस्थान के सूरत गढ़ में सेना के इन्फैंट्री डिवीजन में तैनात थे। भारत पाक सीमा पर घने जंगलों में गश्त के दौरान इन्हें व एक अन्य सैनिक को गत रविवार को सांप ने डस लिया। इस कारण दोनों की मृत्यु हो गई।