हर हाल में गिरफ्तार होंगे संजय सिंह, एमपी-एमएलए कोर्ट ने जारी कर दिया गिरफ्तारी वारंट
बलवा मार्ग जाम करने समेत अन्य मामलों में सजायाफ्ता संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गिरफ्तारी वारंट का क्रियान्वयन रोकने संबंधी प्रार्थना पत्र एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने निरस्त कर दिया। साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर 28 अगस्त तक न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है। बता दें कि दोनों नेताओं को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ने बीते वर्ष तीन-तीन माह की सजा सुनाई थी।
संवाद सूत्र, सुलतानपुर। बलवा, मार्ग जाम करने समेत अन्य मामलों में सजायाफ्ता आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह व सपा के पूर्व विधायक अनूप संडा के विरुद्ध जारी गिरफ्तारी वारंट का क्रियान्वयन रोकने संबंधी प्रार्थना पत्र एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने निरस्त कर दिया। साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर 28 अगस्त तक न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है।
बीते दिनों निरस्त हुई थी अपील
विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय ने बताया कि दोनों नेताओं को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ने बीते वर्ष तीन-तीन माह की सजा सुनाई थी। इसके विरुद्ध की गई अपील एमपी-एमएलए न्यायालय की जज एकता वर्मा ने बीते दिनों निरस्त कर दी थी।
साथ ही सजा पाए नेताओं को संबंधित न्यायालय में हाजिर होने का आदेश दिया था। इसके विरुद्ध याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई है, जिसमें सुनवाई चल रही है। इस बीच न्यायालय में हाजिर न होने पर मामले की सुनवाई कर रहे एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
संजय सिंह के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने बीते शुक्रवार को प्रार्थना पत्र देकर याचना की थी कि जब तक उच्च न्यायालय में याचिका लंबित है, तब तक गिरफ्तारी वारंट के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी जाए। इसी पर अभियोजन की तरफ से शनिवार को आपत्ति दाखिल होने के बाद आदेश सुरक्षित था, मंगलवार को आदेश की जानकारी हुई।
यह है मामला
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि 19 जून 2001 को बिजली व्यवस्था की बदहाली के विरोध में पूर्व विधायक अनूप संडा के नेतृत्व में शहर की सब्जी मंडी के निकट धरना-प्रदर्शन हुआ था।
इसमें तत्समय सपा में रहे व वर्तमान में आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव, विजय कुमार, संतोष, सुभाष चौधरी भी शामिल थे। इनके विरुद्ध कोतवाली नगर में विधि विरुद्ध जमावड़ा, मार्ग जाम कर यातायात जबरिया रोकने व अन्य धाराओं में एफआईआर लिखी गई थी।
तीन महीने की सुनाई गई सजा
मुकदमे की सुनवाई के दौरान तत्कालीन विशेष मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 11 जनवरी 2023 को सभी छह आरोपियों को दोषी ठहराकर सजा सुनाई थी। इसमें सबको तीन-तीन माह कैद हुई है। साथ ही 1500-1500 रुपये जुर्माना लगाया गया है।
इसी आदेश के विरुद्ध पांच दोषियों द्वारा दायर अपील निरस्त कर विशेष न्यायालय की जज एकता वर्मा ने सभी को नौ अगस्त को न्यायालय के समक्ष समर्पण करने का आदेश दिया था। सुभाष चौधरी की अपील अभी लंबित है। इस मामले में गैर जमानती वारंट निर्गत कर 28 अगस्त की तिथि नियत की गई है।
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