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सुल्तानपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा; पैसे लेकर करवा दी विवाहितों की शादी

Sultanpur CM Samuhik Vivah Yojna Update News मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़े थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शादीशुदा जोड़ों की फिर से शादी करवा दी जाती है एक ऐसा ही मामला सुल्तानपुर में सामने आया है यहां लाभार्थी बोले एक शादी में दस हजार रुपये लिए जाते हैं। योजना में जिस महिला की शादी की उसके एक बच्चा भी है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 11 Aug 2024 08:06 AM (IST)
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शादी की सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
बब्बन वर्मा, जागरण, सुलतानपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में विवाहिताओं की दोबारा शादी कराई जा रही है। इनमें ऐसी महिलाएं भी शामिल करने से गुरेज नहीं किया गया जिनके बच्चे भी हैं। 11 और 12 जुलाई को बल्दीराय व कुड़वार ब्लाक में हुए विवाह को लेकर दैनिक जागरण की पड़ताल में इस घोटाले का राजफाश हुआ है।

पड़ताल में पता चला कि बल्दीराय ब्लॉक के महुली के भगेलूराम की पुत्री शांती की शादी उमरा में हो चुकी है। इनके एक साल का बच्चा भी है। विवाहिता ने स्वीकार किया कि 12 जुलाई को कुड़वार ब्लाक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में उसकी दोबारा शादी कराई गई। इसके बदले गांव की एक महिला ने 10 हजार रुपये लिए। उनके बैंक खाते में योजना के 35 हजार रुपये आ गए हैं।

योजना का लाभ दिलाने के लिए मांगे रुपये

इसी गांव की दुखछोर की बिटिया रीतू कहती हैं कि उनकी शादी कांपा में हुई है। योजना का लाभ दिलाने के लिए विवाह के पहले दो हजार की मांग की गई, जिसमें से 1500 रुपये दे दिए थे। कुल 10 हजार रुपये देने की बात तय हुई थी। ग्रामीणों ने सामूहिक विवाह की सूची में शामिल कुछ नामों के बारे में अनभिज्ञता जताई। एक साथ गांव की 24 कुंआरियों की सूची पर सभी ने हैरत जताई।

10 युवतियों की शादी संदेह के घेरे में

इसी तरह भखरी की भी 10 युवतियों का विवाह संदेह के घेरे में है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ नामों के अलावा अन्य हमारे गांव की लड़कियां नहीं हैं। भखरी गांव की चंद्ररेखा की शादी भी पूर्व में हो चुकी है। योजना के दर्पण पोर्टल पर महुली में आवेदनों की संख्या 29 अंकित है। स्वीकृत आवेदन 35 और 31 का विवाह होना दिखाया गया है। इतने खाते में धन भेजा गया, यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।

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पात्रता के परीक्षण पर उठ रहे सवाल

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के लिए आवेदनकर्ताओं की पात्रता का परीक्षण किया जाता है, लेकिन पंचायत सचिव राहुल यादव इससे इन्कार करते हैं। उनका कहना है कि सामूहिक विवाह से संबंधित कोई सूची पात्रता या अपात्रता के सत्यापन के लिए नहीं आई थी।

जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर से पंचायत सचिव व उसके बाद ब्लाक स्तरीय अधिकारी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में आवेदन करने वालों की पात्रता का परीक्षण करते हैं। उसके बाद जो सूची तैयार कर जिला मुख्यालय आती है, उसी के अनुसार विवाह संपन्न कराकर योजना का लाभ दिया जाता है। इस प्रकरण की जांच कराई जा रही है। 

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