Sultanpur Lok Sabha Chunav Result 2024: सुलतानपुर में भाजपा की मेनका गांधी को झटका, सपा के रामभुआल निषाद बनें सांसद
Sultanpur lok sabha election Result Live सुलतानपुर लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी प्रदेश सरकार में मंत्री रहे रामभुआल निषाद व युवा व्यवसायी उदराज वर्मा चुनाव मैदान में थे लेकिन कड़ी टक्कर में केवल मेनका और रामभुआल निषाद ही थे। लेकिन नतीजों में कुछ और ही आया। परिणाम आने के साथ ही भाजपा का हैट्रिक का सपना भी टूट गया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Sultanpur Lok Sabha chunav Result 2024 / UP lok sabha chunav Result 2024: सुलतानपुर लोकसभा सीट से भाजपा से पूर्व मंत्री व वर्तमान सांसद मेनका गांधी (Maneka Gandhi), सपा से पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद (Rambhual Nishad) व बसपा से उदराज वर्मा (Udraj Verma) मैदान में थी।
मेनका गांधी (Maneka Gandhi) सरकार की योजनाओं, अपने कार्यों, विकास, शांति एवं सुरक्षा और क्षेत्र में सक्रियता के दावे कर मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में असफल रहीं। वहीं, रामभुआल निषाद (Rambhual Nishad) बेरोजगारी, महंगाई और जिले में विकास ठहरा होने की बात कह वोटरों के बीच अपनी पैठ बना लिए। वहीं उदराज वर्मा (Udraj Verma) का स्थानीय बनाम बाहरी के मुद्दे भी फेल हुआ।
सुलतानपुर लोकसभा (Sultanpur Lok Sabha) में मतदाता
कुल मतदाता - 18,52,590पुरुष मतदाता - 9,64,363महिला मतदाता - 8,88,178
नए मतदाता - 24,348
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सुलतानपुर लोकसभा (Sultanpur Lok Sabha) क्षेत्र में मतदान का आंकड़ा 55.60 प्रतिशत पर ही आकर रुक गया। यह पिछले चुनाव की तुलना में 0.78 प्रतिशत कम है। 2019 में 56.38 व 2014 में 56.66 प्रतिशत वोट पड़े थे। इस लोकसभा क्षेत्र में इसौली, सुलतानपुर, सदर, कादीपुर, लंभुआ विधान सभा आते हैं। सुलतानपुर लोकसभा (Sultanpur Lok Sabha) क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत- 55.60विधानसभावार मतदान प्रतिशत
इसौली विधानसभा | 54.33 प्रतिशत |
सुलतानपुर विधानसभा | 56.33 प्रतिशत |
सदर विधानसभा | 55.74 प्रतिशत |
लंभुआ विधानसभा | 55.38 प्रतिशत |
कादीपुर विधानसभा | 56.21 प्रतिशत |
सेमरी व पलहीपुर | 64 प्रतिशत मतदान |
जहां पूरे लोकसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत 55.60 रहा। वहीं, सुलतानपुर विधानसभा के पलहीपुर मतदान केंद्र के चार बूथों पर 3154 के सापेक्ष 2024 वोट पड़े। यानि मत का प्रतिशत 64.19 रहा।
सुलतानपुर लोकसभा सीट (Sultanpur Lok Sabha Seat) से नौ दावेदार चुनावी रण में
प्रत्याशी | दल |
मेनका गांधी | भाजपा |
रामभुआल निषाद | सपा |
उदराज वर्मा | बसपा |
मो. आसिफ | निर्दलीय |
डा. शिवशंकर इंडियन | मोस्ट बैकवर्ड क्लासेज आफ इंडिया |
गिरीश लाल | आजाद पार्टी |
जय प्रकाश | सरदार पटेल सिद्धांत पार्टी |
अब्दुल माबूद | अपना देश पार्टी |
उदयराज वर्मा | निर्दलीय |
सुलतानपुर का इतिहास (History Of Sultanpur)
सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। गांधी परिवार के वरुण गांधी (Varun Gandhi) इसी संसदीय क्षेत्र के सांसद रहीं। गोमती नदी के तट पर बसा सुलतानपुर (Sultanpur) इसी राज्य का एक प्रमुख क्षेत्र है। सुलतानपुर जिले की स्थानीय बोलचाल की भाषा अवधी और सम्पर्क भाषा खड़ी बोली है। कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान, राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान, सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय यहां के प्रमुख कॉलेज हैं।निर्दलीय ने भी इस सीट पर जीत की हासिल
इस सीट का इतिहास रोचक मुकाबलों और किस्सों से भरा पड़ा है। यहां छोटे दलों के अलावा निर्दलीय भी जीत दर्ज कर राजनीतिक रणनीतिकारों को चौंकाते रहे, लेकिन सपा जीत को तरस रही है। ऐसा तब है जबकि विधानसभा के चुनाव में उसे अच्छी सीटें भी मिलीं।समाजवादी पार्टी सुलतानपुर लोकसभा सीट (Sultanpur Lok Sabha Seat) पर कामयाबी से दूर है। ऐसा तब है जबकि उसने हर चुनाव में चेहरे बदलने के साथ जातिगत समीकरण साधने के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर डाले। ठाकुर, ब्राह्मण, मुस्लिम और पिछड़ी जाति का उम्मीदवार दिया। सपा सुलतानपुर लोकसभा सीट पर कामयाबी से दूर है। ऐसा तब है जबकि उसने हर चुनाव में चेहरे बदलने के साथ जातिगत समीकरण साधने के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर डाले। ठाकुर, ब्राह्मण, मुस्लिम और पिछड़ी जाति का उम्मीदवार दिया। एक ही वर्ष बाद 1999 में सपा ने अंबेडकरनगर के निवासी रहे पूर्व मंत्री रामलखन वर्मा पर दांव लगाया। 2004 में शैलेन्द्र प्रताप सिंह, 2009 में अशोक पांडेय और 2014 में शकील अहमद चुनाव लड़े, लेकिन कोई भी सपा की नाव को पार नहीं लगा सका।वर्ष 2019 में बसपा के साथ थी सपा, इस बार कांग्रेस का सहारा
वर्ष 2019 के चुनाव में यह सीट सपा ने गठबंधन के कारण बसपा को दे दी। बसपा प्रत्याशी चंद्रभद्र सिंह को चार लाख, 44 हजार, 670 वोट मिले जरूर, लेकिन भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी (Maneka Gandhi) से पराजित होना पड़ा। अब इस बार निषादों के करीब डेढ़ लाख वोटों को साधने के लिए सपा ने इसी बिरादरी का प्रत्याशी दिया है, लेकिन उठापटक के कारण चुनाव अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है।अब तक निर्वाचित सांसद
वर्ष | सांसद | दल |
1952 | मोहम्मद अहमद काजिमी | कांग्रेस |
1957 | गोविंद मालवीय | कांग्रेस |
1961 | गनपत सहाय (उपचुनाव) | निर्दलीय |
1962 | कुंवर कृष्ण वर्मा | कांग्रेस |
1967 | गनपत सहाय | कांग्रेस |
1969 | पंडित श्रीपति मिश्र (उपचुनाव) | भारतीय क्रांति दल |
1970 | केदारनाथ सिंह (उपचुनाव) | कांग्रेस |
1971 | केदारनाथ सिंह | कांग्रेस |
1977 | जुल्फिकारुल्ला | जनता पार्टी |
1980 | गिरिराज सिंह | कांग्रेस |
1984 | राजकरन सिंह | कांग्रेस |
1989 | राम सिंह | जनता दल |
1991 | विश्वनाथ दास शास्त्री | भाजपा |
1996 | डीबी राय | भाजपा |
1998 | डीबी राय | भाजपा |
1999 | जयभद्र सिंह | बसपा |
2004 | ताहिर खान | बसपा |
2009 | डा. संजय सिंह | कांग्रेस |
2014 | वरुण गांधी | भाजपा |
2019 | मेनका गांधी | भाजपा |