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Sultanpur Seat: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे ने बदला बहुत कुछ, लोगों ने गिनाए लाभ; इमरजेंसी में यहां उतर सकते हैं जंगी जहाज

Purvanchal Expressway उद्यमी सरदार बलदेव सिंह कहते हैं कि पहले सुलतानपुर से लखनऊ जाने में तीन घंटे लगते थे। अब डेढ़ घंटे में पहुंच जाते हैं। हमारा कारोबार अमेठी और जगदीशपुर में भी है। अब सड़कें बेहतर होने से आवागमन काफी सुगम हो गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे ने पूरब से पश्चिम तक की यात्रा आसान कर दी है ।

By Ajay Kumar Singh Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 22 May 2024 08:37 AM (IST)
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Sultanpur Seat: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे ने बदला बहुत कुछ, लोगों ने गिनाए लाभ; इमरजेंसी में यहां उतर सकते हैं जंगी जहाज
अच्छी सड़कों...बेहतर कनेक्टिविटी से किसी भी जिले की तस्वीर बदल सकती है। आज के सुलतानपुर में आइए तो यह परिवर्तन देख सकते हैं कि कैसे एक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे ने यहां के लिए उम्मीदों का नया रास्ता तैयार कर दिया है। जहां पहले बेहतर सड़कों और कनेक्टिविटी की मांग चुनाव में मुद्दा बनती थी, इस बार धरातल पर साकार इसका रूप विकास की गाथा कह रहा है। एक्सप्रेसवे के रास्ते यहां से पूरब से लेकर पश्चिम तक यात्रा सुगम हुई। वहीं, फोरलेन हाईवे का लाभ न सिर्फ कार्य-व्यवसाय करने वाले लोगों को मिल रहा है बल्कि, धर्मनगरी अयोध्या, चित्रकूट, काशी और प्रयागराज के लिए मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत तक के तीर्थ यात्री इधर से ही आवागमन करते हैं। इसका लाभ यहां के कारोबारियों को भी मिल रहा है। सबकुछ हुआ पिछले 10 वर्षों में। प्रस्तुत है अजय सिंह की रिपोर्ट...

उद्यमी सरदार बलदेव सिंह कहते हैं कि पहले सुलतानपुर से लखनऊ जाने में तीन घंटे लगते थे। अब डेढ़ घंटे में पहुंच जाते हैं। हमारा कारोबार अमेठी और जगदीशपुर में भी है। अब सड़कें बेहतर होने से आवागमन काफी सुगम हो गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे ने पूरब से पश्चिम तक की यात्रा आसान कर दी है। बलदेव सिंह ही नहीं, प्रगति की यह खुशी जिले के हर व्यापारी के चेहरे पर दिखाई देती है।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन

22,497 करोड़ से बने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 नवंबर, 2021 को यहां अरवल कीरी करवत में बनी हवाई पट्टी से किया था। तत्समय उन्होंने इसे पूर्वांचल की तरक्की का द्वार बताया था। काफी मायनों में यह बात सही साबित हो रही है। आवागमन सुगम होने से गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़, बलिया, अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, अयोध्या, बाराबंकी जिले के लोगों के लिए लखनऊ तक कार्य-व्यवसाय सुविधाजनक हो गया।

कानपुर, दिल्ली, आगरा तक पहुंच भी आसान हो गई है। बिहार, बंगाल और यूपी के कई जिलों के श्रद्धालु अयोध्या जाने के लिए इसी एक्सप्रेसवे का उपयोग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार अब इसी के किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित करने जा रही है। इसी क्रम में सदर तहसील के रिहाइकपुर व जयसिंहपुर के धुंधू, कारेबन और कादीपुर तहसील के कलवारी बाग में भूमि भी चिह्नित भी कर ली गई है। इसका बैनामा भी हो रहा है।

मकसद है कि इससे एक ओर जहां जिले के औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगी, वहीं बड़ी संख्या में लोगों की रोजी-रोटी का इंतजाम भी हो सकेगा। जिले के प्रतिष्ठित व्यवसायी व राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश महामंत्री आलोक आर्या कहते हैं कि सड़कें अच्छी होने से जहां यात्रा सुगम हुई, वहीं रोजगार का भी सृजन हुआ। एक जगह से दूसरी जगह तक माल पहुंचाना हो या फिर महानगरों की यात्रा, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, फोरलेन और हाईवे ने आसान कर दी।

केंद्र में राजग सरकार बनने के बाद लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग को वर्ष 2015 में फोरलेन बनाने का कार्य शुरू हुआ। पहले चरण में लखनऊ से सुलतानपुर तक कार्य पूरा होने पर 2019 से आवागमन सुचारू हो गया। दूसरे चरण में सुलतानपुर से वाराणसी तक कार्य किया गया है। कुछेक जगहों को छोड़कर अन्य स्थानों पर कार्य पूरा हो चुका है। इससे यहां से लखनऊ से वाराणसी तक पहुंच आसान हो गई।

इसी तरह अयोध्या-रायबरेली हाईवे को भी फोरलेन कर दिया गया। अयोध्या-प्रयागराज, टांडा-बांदा और लखनऊ-बलिया हाईवे भी जिले से होकर ही गुजरा है। इससे कई जिलों से बेहतर जुड़ाव है। पयागीपुर निवासी दैनिक यात्री दिनेश सिंह कहते हैं- वह रोजाना बाराबंकी के हैदरगढ़ प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने जाते हैं। वहां से शाम को समय से घर वापस आ जाते हैं। कारण फोरलेन बनने से समय की काफी बचत होती है।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर उतर सकते हैं जंगी जहाज

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बनने के बाद लंबा सफर जहां सुहाना हो गया, वहीं इस पर हवाई पट्टी बनाकर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने वायुसेना को दुश्मन देशों से मुकाबले की बड़ी सुविधा प्रदान की। किसी भी आपात स्थिति में जंगी जहाज यहां आसानी से उतारे जा सकते हैं।

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