सुल्तानपुर में नहीं ठहरतीं आधा दर्जन ट्रेनें
गोपाल पांडेय, सुलतानपुर : तकरीबन चार वर्ष पहले सुलतानपुर जंक्शन को देश के चु¨नदा 407 स्टे
गोपाल पांडेय, सुलतानपुर : तकरीबन
चार वर्ष पहले सुलतानपुर जंक्शन को देश के चु¨नदा 407 स्टेशनों में शामिल किया गया। इन सभी का कायाकल्प करने की योजना बनी। सुलतानपुर जंक्शन भी ए श्रेणी में रखा गया। बावजूद इसके लंबी दूरी की आधा दर्जन महत्वपूर्ण ट्रेनें यहां रुके बिना टाटा-बाय कर गुजर जाती हैं। इससे यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी खास ट्रेनों से यात्रा करने के लिए जिले वासियों को लखनऊ तथा वाराणसी का रुख करना पड़ता है। लखनऊ-वाराणसी रेलखंड का सुलतानपुर महत्वपूर्ण स्टेशन है। यहां से चार जंक्शन फैजाबाद, चिलबिला, जफराबाद और लखनऊ जोड़ता है और सीधी ट्रेन सेवा है। महत्वपूर्ण तीर्थस्थल अयोध्या, संगम और बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी सहित प्रदेश की राजधानी के लिए ट्रेन सेवाएं भी हैं। चौबीस घंटे में इस व्यस्त स्टेशन से 76 महत्वपूर्ण ट्रेनों और इतनी ही मालगाड़ियों की आवाजाही होती है। लखनऊ मंडल के वाराणसी से जुड़े तीन रेलखंडों में सिर्फ सुलतानपुर रेलखंड का ही विद्युतीकरण हुआ है।
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इन ट्रेनों का नहीं होता ठहराव: 1.नई दिल्ली को डिब्रूगढ़ से जोड़ने वाली राजधानी एक्सप्रेस
2.दानापुरसे आनंदविहार जनसाधारण एक्सप्रेस
3.हावड़ा-नंगल डैम
एक्सप्रेस
-4.अमृतसर-कोलकाता एक्सप्रेस
-5 सियालदा-जम्मू तवी हमसफर एक्सप्रेस
6.अमृत सर-दुरियान एक्सप्रेसइस
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प्रतिमाह तकरीबन 73 हजार यात्री करते हैं सफर
यहां सिर्फ साधारण टिकटों से ही रेलवे को एक करोड़ 24 लाख 8292 रुपये की आमदनी प्रति माह होती है। इसके बावजूद रेलभवन महत्वपूर्ण गाड़ियों के ठहराव को यहां सुनिश्चित नहीं कर सका है। इसके पीछे रेलवे का अपना अलग तर्क है, लेकिन सच यह है कि यात्री परेशान हो रहे हैं। -------------------
सुपरफास्ट ट्रेनों की श्रेणी और
प्रकृति निर्धारित है। ट्रेनों को सुपरफास्ट रखने के लिए स्टॉपेज कम किए जाते हैं। सुलतानपुर में इन ट्रेनों के ठहराव के लिए समय-समय पर यात्रियों की मांग और आय के अनुरूप प्रस्ताव किया जाता है।
- जगतोष शुक्ला, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल