UP: केवल कागजों पर हरियाली: डंड़वा गांव में काटे गए 50 सागौन के पेड़, बाजारों में लकड़ी के अवैध डिपो का संचालन
जयसिंहपुर (सुलतानपुर) पर्यावरण संरक्षण को लेकर गोष्ठियों में लंबे-लंबे भाषण देने वाले अफसर कागजों पर हरियाली फैला रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि वन माफिया व वन कर्मियों के गठजोड़ से जंगल के जंगल साफ किए जा रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Thu, 08 Jun 2023 02:21 PM (IST)
संवाद सूत्र, जयसिंहपुर (सुलतानपुर) : पर्यावरण संरक्षण को लेकर गोष्ठियों में लंबे-लंबे भाषण देने वाले अफसर कागजों पर हरियाली फैला रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि वन माफिया व वन कर्मियों के गठजोड़ से जंगल के जंगल साफ किए जा रहे हैं।
बाजारों में लकड़ी के अवैध डिपो का संचालनछह जून की रात डंड़वा गांव में 50 सागौन के पेड़ काटकर गिरा दिए गए। वहीं, क्षेत्र के कई बाजारों में लकड़ी के अवैध डिपो संचालित हो रहे हैं। यहां आबाद लकड़ी की मंडी तहसील क्षेत्र के तिंदौली, चकसोरा, बहली, आयुबपुर, इटकौली, गोसाईंगंज जंगली व प्रतिबंधित लकड़ियों की मंडी बने हैं। इसके अलावा ठेकेदार लकड़ियों को लाकर बेचते हैं और उन्हें ट्रकों में लादकर दूसरे जिलों में भेज दिया जाता है। ऊपर जंगली, नीचे प्रतिबंधित लकड़ी, लकड़ी ठेकेदार ट्रकों पर जब लकड़ियां लदवाते हैं तो सबसे नीचे साखू, सागौन, नीम रखकर उसके ऊपर यूकेलिप्टस, बबूल तथा अन्य जंगली पेड़ों की लकड़ियों को रख देते हैं।
प्रतिबंधित पेड़ काटना अपराध वन क्षेत्राधिकारी राम विलास कैथल ने बताया कि आम, महुआ, जामुन, नीम, शीशम, सागौन, साखू, मोम समेत 29 तरह के पेड़ों को काटने के लिए इजाजत लेनी पड़ती है। इन्हें काटना अपराध है। जिला मुख्यालय के अलावा अन्य कहीं डिपो नहीं है। अगर कोई अवैध कारोबार रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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