Farmer Registry 2024 : अब हर किसान को करानी होगी फार्मर रजिस्ट्री, बनेगा यह कार्ड- बिना इसके नहीं मिलेगा कोई लाभ- ऐसे करें आवेदन
Farmer Registry 2024 फार्मर रजिस्ट्री के लिए किसान का आधार नंबर खतौनी मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक है आवश्यक है। सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद किसान को जो यूनिक नंबर जारी होगा। पंजीयन पूरा हाेने के बाद किसान गाेल्डन कार्ड बनेगा। जनपद में तीन लाख 63 हजार किसान कृषि विभाग में पंजीकृत हैं जिसमें 72 हजार 553 महिला किसान हैं।
संजय तिवारी, सुलतानपुर। अब फार्मर रजिस्ट्री की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत किसानों के भूलेख डाटाबेस को एक साथ करके प्रत्येक समान नाम व पिता के नाम वाले किसानों के बकेट(समूह) तैयार कि जाएंगे। इसके बाद किसानों से जुड़े सभी विवरण आनलाइन होंगे। उनका एक यूनिक आइडी के साथ गाेल्डन कार्ड बनेगा, जिसमें सभी वांछित सूचनाएं अंकित रहेंगी।
इसके माध्यम से किसानों को फसली ऋण, फसली बीमा, आपदा राहत, परामर्श आदि सुविधाएं पाने में सुगमता होगी। दिसंबर यानि 19वीं किस्त की सम्मान निधि वहीं किसान पाएंगे, जिनकी फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
7 जुलाई से योजना होगी लॉन्च
एक जुलाई इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सात जुलाई को इस योजना को औपचारिक रूप से लांच किया जाएगा। इसके पहले राजस्व, कृषि व बैंक सखियाें को विकसित किए गए मोबाइल ऐप व वेब पोर्टल पर वांछित जानकारियों को फीड करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।बनी समिति, मास्टर ट्रेनर नामित
फार्मर रजिस्ट्री के क्रियान्वयन के लिए डीएम की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय जिला कमेटी का गठन हो गया है। सीडीओ उपाध्यक्ष व उपनिदेशक कृषि सचिव हैं। तहसील स्तर पर भी कमेटी बनी है। जिला स्तर पर जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी व सभी नायब तहसीलदारों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया गया है।
यह सभी अब तहसील स्तर पर चयनित कार्मिकों को प्रशिक्षित करेंगे। ताकि गांव स्तर पर किसी प्रकार की कठिनाई न पैदा हो। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एस.सुधाकरन कहते हैं कि प्रतिदिन 18 से 19 हजार का लक्ष्य फार्मर रजिस्ट्री को पूरा करने का रखा गया है। वह कहते हैं कि इसके लिए गांव- गांव शिविर लगाएं जाएंगे, जिसमें किसानों का पंजीयन कराया जाएगा। शिविर के लिए जिला स्तर पर एक कैलेंडर जारी किया जाएगा।
किसानों के लिए लाभकारी
जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी कहते हैं कि इससे पीएम किसान योजना का लाभ पाना आसान हो जाएगा। आसानी से किसानों को ऋण मिल सकेगा। आपदा के दौरान क्षतिपूर्ति के लिए किसानों की पहचान की जा सकेगी। योजना का लाभ पाने के लिए बार-बार सत्यापन के लिए नहीं दौड़ना पड़ेगा।
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