यूपी में हाईवे किनारे बेशकीमती जमीनों पर कब्जा, गरज सकता है बुलडोजर; लाखों के पेड़ तक काटकर बेच दिए
बांदा-टांडा हाईवे से लेकर सेमरी बाजार तक कई जगहों पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर निर्माण किया गया है। अब इन अतिक्रमणों को हटाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। उप जिलाधिकारी संतोष ओझा का है कि स्थलों का भौतिक निरीक्षण करवाकर कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई जल्द अभियान चलाकर की जाएगी। ऐसे में यहां बुलडोजर गरज सकता है।
संवाद सूत्र, जयसिंहपुर (सुलतानपुर)। शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद हाईवे किनारे सरकारी जमीनों पर लोग कब्जा जमाए हुए हैं। राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से इनके हौसले बुलंद हैं। अफसरों से शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती।
स्वास्थ्य केंद्र की भूमि पर हो गया निर्माण
केस एक- बांदा- टांडा हाईवे स्थित ग्राम पंचायत भीखूपुर की गाटा सं. 365 व 368 की दस बीघा भूमि भीखूपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नाम दर्ज है। इस भूमि पर नोकिल खान व कुछ अन्य ने कब्जा कर निर्माण कर लिया, जिसकी मालियत लगभग 50 लाख रुपये है।
केस दो- भीखूपुर के गाटा सं. 365 नवीन परती, जिसका रकबा 10 बीघा है। इस पर भी गांव के दर्जनों लोगों ने कब्जा कर कच्चा-पक्का निर्माण कर लिया। जमीन पर लगे लाखों रुपये कीमत के सफेदा के पेड़ को कटवा कर बेच लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
केस.तीन- औद्योगिक क्षेत्र कारेबन के बगल 20 बीघा जमीन पर लोगों ने कब्जा कर लिया। कार्रवाई के नाम पर नोटिस देकर कब्जेदारों को मुकदमा लड़ने का अवसर दे दिया गया।
केस चार- सेमरी बाजार में सेमरी- महमूदपुर मार्ग पर स्थित सरकारी जमीन गाटा सं. 459 जो कि जंगल झाड़ी के नाम दर्ज है, जिसका रकबा लगभग पांच बीघा है। छह माह के अंदर पचासों पक्के व छप्पर युक्त आवासीय कमरों का निर्माण हो गया।
केस पांच- हालापुर- बिरसिंहपुर मार्ग के बगल स्थित किशनागरपुर गांव में खेल मैदान व घूर-गड्ढा के नाम से आरक्षित जमीन गाटा सं. 318 व 367, जिसका क्षेत्रफल पक्के तीन बीघे है, उस पर गांव के लोगों द्वारा कब्जा कर निर्माण कर लिया गया।
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