सुलतानपुर मेडिकल कॉलेज में वायरल बुखार के मरीजों की लग रही भीड़, डॉक्टर ने बताए बचाव के उपाय
सुलतानपुर मेडिकल कॉलेज में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। डॉक्टरों ने बचाव के लिए स्वच्छता बनाए रखने और भीड़ से बचने की सलाह दी है। बुखार के लक्षणों में तेज बुखार और शरीर में दर्द शामिल हैं, जिसके दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है।

बदलते मौसम में बढ़े पेट व बुखार के मरीज।
संवाद सूत्र, सुलतानपुर। रविवार को मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में ओपीडी बंद होने से यहां इमरजेंसी में मरीज देखे गए। चिकित्सक डॉ. तिलक राम ने बताया कि सबसे ज्यादा पेट व बुखार संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीज इमरजेंसी पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह मौसम में बदलाव के कारण है। उन्होंने बताया कि दोपहर दो बजे तक 25 से अधिक मरीज पेट दर्द के तथा 30 से अधिक बुखार व खांसी से पीड़ित देखे गए।
करौंदिया के रामतेज, चौक के दयाराम, चुनहा के मुश्ताक, विनोबापुरी के निर्मल को पेट संबंधी समस्याएं थीं। कुछ मरीजों को बुखार, अपच, मरोड़ तथा आंव की भी समस्या थी। चिकित्सक ने उन्हें दवाएं देकर घर भेज दिया और जाते समय एहतियात बरतने की सलाह भी दी।
चिकित्सक के अनुसार इस समय गर्मी के बाद बारिश भी हो रही है। ऐसी स्थिति में हर आयु-वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। बुखार से बचाव के लिए नियमित रूप से चिकित्सक की सलाह के अनुरूप दवाएं लें और जहां तक हो सके आराम करें।
उन्होंने मरीजाें को सलाह देते हुए कहा कि वे बारिश में भीगने से बचाव करें। बाहर का सामान खाने से पेट की समस्याएं बढ़ सकती हैं। पानी उबालकर पीएं। बुखार की स्थिति में गुनगुना पानी पीएं। उल्टी-दस्त की स्थिति में ओआरएस का सेवन करें। लापरवाही न करें। मेडिकल कालेज में जांच व इलाज की सारी सुविधाएं फ्री हैं।
सर्जिकल वार्ड में भर्ती की जा रहीं प्रसव के बाद महिलाएं
मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में तीसरे तल पर स्थित भर्ती वार्ड फुल होने के बाद अब महिलाओं को सीजेरियन के बाद सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधक डॉ. आरिफ के अनुसार पुराने अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के दो कमरों में 15 वार्ड बनाकर यहां महिलाओं को भर्ती कराया जा रहा है। महिला अस्पताल में कुल 213 बेड हैं। इसमें 75 बेड गायनी के हैं।
लिफ्ट खराब होने से परेशान हो रहे मरीज
नवनिर्मित चिकित्सीय विंग की एक लिफ्ट खराब हो जाने से रविवार को मरीजों व तीमारदारों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। एक मात्र लिफ्ट से आवागमन होने के कारण सबसे ज्यादा दिक्कतें स्ट्रेचर से जाने वाले मरीजों को हुई।
इससे पहले 26 जून को इसी विंग में दोनों लिफ्ट एक साथ खराब हो जाने से दूसरे दिन तक मरीजों व तीमारदारों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।