पत्नी से विवाद के बाद दोबारा खाया कीटनाशक, पहले इलाज हुआ… दूसरी बार में हो गई मौत
उन्नाव के माखी क्षेत्र में एक युवक ने पत्नी से मारपीट के बाद कीटनाशक निगल लिया। अस्पताल में इलाज के बाद डिस्चार्ज होने के बाद उसने फिर से कीटनाशक खा लिया जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक 27 वर्षीय सुनील रावत दिल्ली में मजदूरी करता था और गांव आया था। पत्नी सावित्री से झगड़े के बाद उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव। माखी क्षेत्र में एक युवक ने पत्नी से मारपीट करने के बाद कीटनाशक निगल लिया। परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, यहां से डिस्चार्ज होकर घर पहुंचने के बाद उसने फिर से कीटनाशक खा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
यह है पूरा मामला
माखी क्षेत्र के खत्रिनखेड़ा गांव निवासी 27 वर्षीय सुनील रावत दिल्ली में रहकर मजदूरी करता था। पिता का हर्निया का ऑपरेशन कराने के लिए वह बुधवार को गांव आया था। रात को किसी बात को लेकर उसका पत्नी सावित्री से झगड़ा हुआ। पत्नी से मारपीट करने के बाद सुनील ने कीटनाशक निगल लिया।
हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया। हालत में सुधार होने पर डॉक्टर ने गुरुवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया। घर पहुंचे सुनील ने गुरुवार रात फिर से कीटनाशक निगल लिया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई।
इससे पहले कि घर वाले उसे अस्पताल लाते उसकी मौत हो गई। मृतक चार भाइयों में सबसे बड़ा था। उसकी मौत पर पत्नी सावित्री, मां मोहाना, बच्चे आयुष व आयान समेत अन्य का रो-रोकर बुरा हाल है।
हरेंद्र की मौत से दूसरे दिन भी बैरकों में पसरा रहा सन्नाटा
औरास। औरास थाने में तैनात सिपाही हरेंद्र की बुधवार सुबह जर्जर आवास मरम्मत व साफ सफाई करने के बाद गीला बोरा तार पर फैलाने के दौरान कटे बिजली के तार से करंट लगने से मौत हो गई थी।सीओ बांगरमऊ के आदेश के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों थाने के अंदर व बैरकों के बाहर बिछे तार के जाल को हटाने के आदेश दिए थे। बावजूद इसके बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।
खानापूर्ति के लिए सिर्फ एक केबल को ऊंचा करा दिया, जिससे करंट का अंदेशा था। बाकी बैरकों के ऊपर वैसे ही तार लटके हुए रहे। गुरुवार को पूरे दिन दिवंगत हरेंद्र की मौत पर साथियों में शोक की लहर रही। साथ ही थाना परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। थाना परिसर व थाने के पीछे बने बैरकों में अधिकांश में दरवाजे खिड़की तक टूटे पड़े हैं। दबी जुबान सिपाहियों ने बताया कि नया भवन तैयार है, लेकिन हैंड ओवर न होने से पुलिस कर्मियों को दहशत में जर्जर भवन में रात गुजारनी पड़ रही है। वहीं, बुधवार की रात ही हरेंद्र का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन शव लेकर आगरा चले गए।
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