कानपुर-लखनऊ रेल मार्ग बाधित, उन्नाव व गंगाघाट में खड़ी रहीं आठ ट्रेनें
लखनऊ में ट्रैक मरम्मत कार्य के कारण कानपुर-लखनऊ रेल मार्ग बाधित हो गया। इस वजह से उन्नाव और गंगाघाट में आठ ट्रेनें घंटों तक खड़ी रहीं। यात्री परेशान होकर ट्रेन से उतरकर सड़क मार्ग से अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए। आरपीएफ के एएसआई लालजी यादव ने बताया कि लखनऊ के पिपरसंड व हरौनी स्टेशन के बीच ट्रैक के मरम्मतीकरण के लिए ब्लाक लिया गया था।
जागरण संवाददाता, उन्नाव। कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर लखनऊ के पिपरसंड व हरौनी स्टेशन के बीच साढ़े तीन घंटे का ब्लाक लेकर ट्रैक का शुरू किया गया मरम्मतीकरण का कार्य पूरा नहीं हो सका। इस पर कुछ और समय के लिए ब्लाक लिया गया तो लखनऊ-कानपुर रेल रूट बाधित हो गया। इस दौरान गंगाघाट, मगरवारा, उन्नाव जंक्शन, जैतीपुर व अजगैन में आठ ट्रेनें घंटों खड़ी रहीं।
उन्न्नाव स्टेशन पर खड़ी मेमू में घंटों इंतजार के बाद जब यात्रियों के सब्र का बांध टूटा तो वह हंगामा कर ट्रेन से नीचे उतरे और सड़क मार्ग से अन्य वाहनों के जरिए गंतव्य को चले गए। स्टेशन मास्टर सुधांशु मोहन स्टेशन पर नजर नहीं आए। उनका मोबाइल भी नहीं उठा।
आरपीएफ के एएसआई लालजी यादव ने बताया कि लखनऊ के पिपरसंड व हरौनी स्टेशन के बीच ट्रैक के मरम्मतीकरण के लिए शाम चार बजे से 7:30 बजे तक का ब्लाक लिया गया था। इस अवधि में काम पूरा नहीं हो पाया तो ब्लाक का समय बढ़ा दिया गया। इस दौरान कानुपर से लखनऊ व लखनऊ से कानपुर जाने वाली ट्रेने जहां की तहां खड़ी रहीं। हो गईं।
रात करीब आठ बजे उन्नाव जंक्शन में कानपुर लखनऊ मेमू रात 11 बजे रात तक खड़ी रही। इसी तरह ग्वालियर बरौनी एक्सप्रेस 10 बजे उन्नाव जंक्शन पहुंची जो 11 बजे तक खड़ी रही। इसी तरह गंगाघाट स्टेशन पर 10:25 बजे लूप लाइन पर अमृत भारत (दरभंगा एक्सप्रेस) और मेन लाइन पर एक मालगाड़ी पहुंची। रात 11.10 बजे तक यह ट्रेनें खड़ी रहीं। 11.12 बजे ट्रेन चलने का अनाउंसमेंट हुआ।
यात्री अमन कुमार ने बताया कि वह टुंडला से रक्सौल जा रहे थे। वहीं यात्री कमल व नीलेश कुमार व राहुल कुमार ने बताया कि करीब ढाई घंटे से अधिक समय से ट्रेन के स्टेशन पर खड़े रहने से परेशान रहे। इसी तरह तरह जैतीपुर में 7.15 बजे पहुंची इंटरसिटी एक्सप्रेस रात 11.10 पर आगे बढ़ सकी। वहीं अजगैन में फरक्का व बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी रही। इसी तरह मगरवारा में गोमती व बरौनी एक्सप्रेस खड़ी रही।