स्वजन ने अनुमान जताया है कि चार्जिंग के लिए लगाए गए साकेट में लगे प्लग की लीड का कोई एक तार खुला था जो ई-रिक्शा में छू गया जिससे उसमें करंट उतर आया। लखनऊ से विद्युत सुरक्षा निदेशालय की टीम जांच करने के लिए रविवार को आएगी। श्रीनगर मुहल्ला निवासी 55 वर्षीय महेंद्र सिंह उर्फ मचकंदर खुद का ई-रिक्शा चलाते थे।
संवाद सहयोगी, शुक्लागंज। गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के श्रीनगर मुहल्ले में चार्जिंग के दौरान ई-रिक्शा में उतरे करंट की चपेट में आकर दंपती की मौत हो गई। हादसा शनिवार सुबह लगभग छह बजे हुआ। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद दोनों के शव को स्वजन को सौंप दिया। ई-रिक्शा में करंट कैसे उतरा, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
स्वजन ने अनुमान जताया है कि चार्जिंग के लिए लगाए गए साकेट में लगे प्लग की लीड का कोई एक तार खुला था जो ई-रिक्शा में छू गया जिससे उसमें करंट उतर आया। लखनऊ से विद्युत सुरक्षा निदेशालय की टीम जांच करने के लिए रविवार को आएगी।
श्रीनगर मुहल्ला निवासी 55 वर्षीय महेंद्र सिंह उर्फ मचकंदर खुद का ई-रिक्शा चलाते थे।
रोज की तरह वह रात के समय ई-रिक्शा लेकर घर पहुंचे और बाहर बने चार्जिंग प्वाइंट पर उसे चार्जिंग के लिए लगा दिया और सोने चले गए। सुबह लगभग छह बजे चार्जिंग का प्लग हटाने के लिए पहुंचे तो ई-रिक्शा को छूते ही वह करंट की चपेट में आ गए। यह देख उनकी 48 वर्षीय पत्नी गुड्डी देवी उन्हें बचाने दौड़ी तो वह भी करंट की चपेट में आ गईं।
दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। दिवंगत दंपती का एक 24 वर्षीय बेटा शिवम सिंह है जो प्राइवेट नौकरी करता है। तीन बेटियां पूनम, दीक्षा और प्रीती हैं जिनकी शादी हो चुकी है। स्वजन के अनुसार महेंद्र सिंह ने ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए घर पर ही साकेट व स्विच बोर्ड लगवा रखा था।
विद्युत वितरण खंड दो के एसडीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि महेंद्र सिंह के यहां बिजली का घरेलू कनेक्शन था जिससे स्वयं का ई-रिक्शा चार्ज किया जा सकता है। इसका प्रविधान भी है। उन्होंने कहा कि घटना की सूचना विद्युत सुरक्षा निदेशालय को दे दी गई है जो जांच के लिए आएगी।
शोर सुन बचाने आया बेटा
महेंद्र का बेटा शिवम घटना के समय घर में ही पत्नी आकांक्षा और दो पुत्रियों काव्या और दिव्या के साथ अपने कमरे में सो रहा था। पास पड़ोस के लोगों ने जब दंपती के करंट की चपेट में आने पर शोर मचाया तो उन्हें भी घटना की जानकारी हुई। भाग कर वह बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
दोनों अर्थियां एक साथ उठीं तो हर आंख हुई नम
पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही दोनों शव श्रीनगर मुहल्ले पहुंचे तो परिवार में कोहराम मच गया। कुछ देर बाद जैसे ही पति व पत्नी की अर्थियां एक साथ उठीं तो हर आंख नम हो गई। मिश्रा कालोनी श्मशान घाट पर दोनों का एक ही साथ अंतिम संस्कार कराया गया।
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