रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ फलाहारी बाबा की करीब साढ़े तीन दशक पुरानी प्रतिज्ञा हुई पूरी, 34 साल बाद ग्रहण किया अन्न
उन्नाव के जाजमऊ एहतमाली गांव निवासी लक्ष्मी स्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ फलाहारी बाबा ने 1989 में मंदिर आंदोलन के दौरान जेल में प्रतिज्ञा की थी कि जब तक अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान नहीं हो जाएंगे तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। करीब 34 साल बाद वह दिन आया प्रतिज्ञा के क्रम में क्षेत्र के मां फूलमती मंदिर परिसर में ही उन्होंने एक राम दरबार का भी निर्माण जनसहयोग से करवाया।
जागरण संवाददाता, उन्नाव। अयोध्या में सोमवार को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही फलाहारी बाबा की 34 साल पूर्व की गई प्रतिज्ञा पूरी हुई। अब उन्होंने अन्न का प्रसाद ग्रहण किया है।
उन्नाव के जाजमऊ एहतमाली गांव निवासी लक्ष्मी स्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ फलाहारी बाबा ने 1989 में मंदिर आंदोलन के दौरान जेल में प्रतिज्ञा की थी कि जब तक अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान नहीं हो जाएंगे तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।
अब करीब 34 साल बाद वह दिन आया और प्रतिज्ञा के क्रम में क्षेत्र के मां फूलमती मंदिर परिसर में ही उन्होंने एक राम दरबार का भी निर्माण जनसहयोग से करवाया। यहां जयपुर से आईं मूर्तियों की भी प्राण प्रतिष्ठा उसी मुहूर्त में की गई, जिस मुहूर्त में अयोध्या में की गई।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद 101 कन्याओं को भोज कराने के बाद फलाहारी ने क्षेत्र के थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश पाठक के हाथों से खीर व पूड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।
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