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Unnao Accident: गहरी नींद में सोए फिर कभी नहीं उठे… क्षत-विक्षत हालत में पड़े लोगों को खींचकर निकाला; तस्वीरें देख कांप जाएंगी रूह

Unnao Accident बिहार से नई दिल्ली जा रही स्लीपर बस में बैठे 55 यात्री करीब 550 किमी का सफर तय कर चुके थे। चालक की सीट की ओर जो जैसे लेटा और बैठा था वैसे ही बस के मलबे में दब गया। किसी का हाथ कटकर अलग हो गया तो किसी के दोनों पैर पेट में चिपक गए। जो बच पाए चीख-पुकार के बीच खिड़कियों के शीशे तोड़कर नीचे कूदे।

By Mohit Pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 10 Jul 2024 05:48 PM (IST)
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रेस्क्यू अभियान में डेढ़ घंटे का लगा समय
जागरण संवाददाता, उन्नाव। बिहार से नई दिल्ली जा रही स्लीपर बस में बैठे 55 यात्री करीब 550 किमी का सफर तय कर चुके थे। जिस समय बस टैंकर से टकराई अक्सर यात्री गहरी नींद में थे। हादसे ने किसी को संभलने तक का मौका नहीं दिया।

चालक की सीट की ओर जो जैसे लेटा और बैठा था वैसे ही बस के मलबे में दब गया। किसी का हाथ कटकर अलग हो गया, तो किसी के दोनों पैर पेट में चिपक गए। जो बच पाए चीख-पुकार के बीच खिड़कियों के शीशे तोड़कर नीचे कूदे। हादसे की दहशत उनके चेहरे पर दिखाई दे रही थी। दो हाइड्रा व एक क्रेन से बस के मलबे में दबी बॉडी को खींचकर शवों को निकाला गया।

रेस्क्यू अभियान में डेढ़ घंटे का लगा समय

रेस्क्यू अभियान में पुलिस को डेढ़ घंटा लगा। इस दौरान लखनऊ से आगरा की ओर जाने वाले वाहनों को रोक दिया। दो किमी तक वाहनों की कतार लगी रही। घायल और मृतकों को बस से निकालने के बाद आवागमन शुरू हो सका।

जिस जगह हादसा हुआ उससे कुछ दूरी पर डिवाइडर पर चढ़े एक ट्रक को यूपीडा कर्मी क्रेन से हटवा रहे थे। जैसे ही बस हादसे की जानकारी मिली महज 15-20 मिनट में वह घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस को हादसे की जानकारी देकर एंबुलेंस बुलाई और राहत बचाव कार्य शुरू किया।

टैंकर चालक की भी हुई मौत

सीओ अरविंद चौरसिया व एसडीएम बांगरमऊ नम्रता सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गईं और बचाव कार्य शुरू करवाया। सीटों व बस के मलबे में फंसे शवों व घायल लोगों को निकालने में कर्मियों का कलेजा कांप गया। आवागमन रोककर करीब 10 एंबुलेंस की मदद से 37 लोगों को सीएचसी पहुंचाया गया, जहां 18 को मृत घोषित कर दिया गया। इस हादसे में बस व टैंकर चालक ने भी जान गंवा दी।

सिपाहियों में जान बचाने का दिखा जुनून

बस में फंसे लोगों में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके, इसके लिए मौके पर पहुंचे सिपाही दारोगा ने कड़ी मशक्कत शुरू की। सभी में जान बचाने का जुनून दिखा। क्षत-विक्षत हालत में पड़े लोगों में किसी को खींचकर निकालने के बाद गोद में उठाकर एंबुलेंस तक ले गए तो किसी को पीठ में लाद लिया।

दिल्ली में मजदूरी करते थे अधिकतर यात्री, 3400 रुपये लिया किराया

स्लीपर बस में बैठे अधिकतर यात्री नई दिल्ली में किराए का कमरा लेकर मजदूरी करते थे। कुछ दिन पूर्व दिल्ली से गांव बिहार प्रांत गए थे। बुधवार को नई दिल्ली के पहाड़गंज जाने के लिए बिहार के ढाका से स्लीपर बस में बैठे थे। घायल यात्रियों ने बताया कि बस चालक ने 3400 रुपये प्रति यात्री के हिसाब से सवारियां बैठाई थी। सभी यात्रियों ने 500 रुपये जमा किया था, अन्य रुपये दिल्ली में उतरने के बाद देने थे।

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