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UP News: मुस्लिम बाहुल्य गांव में हिंदुओं को मंदिर का जीर्णोद्धार कराने से रोका, पुलिस ने 32 लोगों को किया पाबंद

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बीघापुर क्षेत्र में एक मुस्लिम बाहुल्य गांव में हिंदुओं को उनके मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य को पूरा करने से रोका जा रहा है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों के कुछ लोगों को पाबंद किया है। जानिए पूरी खबर विस्तार से।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 21 Oct 2024 08:02 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, उन्नाव। मुस्लिम बाहुल्य बीघापुर के गांव रानीपुर में मंदिर की छत डालने व जीर्णोद्धार कार्य को मुस्लिम लोगों द्वारा रोके जाने का मामला इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट होने से गर्मा गया है। पुलिस ने प्रशासन से अनुमति के बाद मंदिर बनाने की बात कही है।

शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्लिम पक्ष से 25 व दूसरे पक्ष से छह लोगों को पाबंद किया गया है। गांव में करीब 130 घर मुस्लिम व महज 30 घर हिंदू परिवार के हैं।

70 वर्ष पुराना है मंदिर

बीघापुर कोतवाली क्षेत्र की चौकी निबई के रानीपुर गांव के हीरालाल रामनरेश, अनिल कुमार, गीता ने बताया कि शिव बहादुर विश्वकर्मा के घर के सामने लगभग 70 वर्ष पुराना शिव मंदिर है जिसमें मुंडन, छेदन व विवाह जैसे कार्यक्रमों की रस्में व धार्मिक आयोजन होते हैं। मंदिर के चबूतरे पर चारों ओर जाली लगी है। छत के लिए चबूतरे के चारों ओर कालम भी खड़े हैं।

हिंदू पक्ष के लोगों ने मंदिर में छत डालकर जीर्णोद्धार कराने का काम शुरू कराया तो गांव में रहने वाले निहाल, अनीस खान, असगर खान, शोएब, सलीम, यूनुस, अच्छे व रईस आदि ने यह कहकर निर्माण पर आपत्ति जता दी कि 100 मीटर पर उनकी मस्जिद है और मंदिर में लाउडस्पीकर बजने से उन्हें दिक्कत होगी।

सीओ ऋषिकांत शुक्ल ने बताया की कोई भी धार्मिक स्थल बनाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होती है। ग्रामीणों को प्रशासन से अनुमति लेने के लिए कहा गया है। प्रशासन से अनुमति लाने के बाद मंदिर निर्माण कार्य को पूर्ण कराया जाएगा। सीओ ने बताया कि पूरे मामले की रिपोर्ट एसडीएम को भेजी जा चुकी है।

गैरइरादतन हत्या में दोष सिद्ध होने पर दारोगा के परिवार में गम का माहौल

सफीपुर: कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के सरिया ललितपुर निवासी बलवंत की रनिया थाने में 12 दिसंबर 2022 को पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। इस मामले में तत्कालीन मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडेय के दोषी करार दिए जाने के बाद परिवार बेहाल है।

परिवार का दावा है कि घटना के वक्त ज्ञान प्रकाश छुट्टी लेकर घर आए थे।

चाचा ने बताया कि ज्ञान प्रकाश पांडेय सफीपुर के मुहल्ला दुर्गा मंदिर में रहते हैं। रेलवे में डी क्लास में तैनाती के बाद वर्ष 2017 में दारोगा पद पर नियुक्ति मिली थी। पहली तैनाती कानपुर रूरा चौकी में मिली थी। इसके बाद कानपुर में ही विभिन्न चौकी थाना में रहने के बाद दो साल पहले मैथा चौकी में तैनात हुए थे। इसी दौरान बलवंत की रनिया थाना में मौत हो गई थी।

ज्ञान प्रकाश के पिता ने पान की गुमटी खाेलकर जीविकोपार्जन के साथ बच्चों की परवरिश की थी। 2019 में उनका निधन हो गया था। ज्ञान प्रकाश का छोटा भाई विनीत कुमार का भी 2023 में दारोगा बना था और इटावा के बकेवर थाने में तैनाती हुई थी।अब परिवार ने हाईकोर्ट की शरण लेने की बात कही है।

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