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सरकारी जांच का सहारा टूटा, निजी लैब में मनमाना शुल्क

जागरण संवाददाता उन्नाव कोरोना की महामारी में आपदा को अवसर में बदलने का सबसे बड़ा खेल

By JagranEdited By: Updated: Mon, 03 May 2021 05:10 PM (IST)
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सरकारी जांच का सहारा टूटा, निजी लैब में मनमाना शुल्क

जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना की महामारी में आपदा को अवसर में बदलने का सबसे बड़ा खेल मेडिकल व्यवसाय से जुड़े लोग कर रहे हैं। कोविड मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित होने वाली दवाओं से लेकर इंजेक्शन तक बाजार में तीन से चार गुना कीमत पर मिल रहे हैं वह भी जोड़ जुगत लगाने के बाद। अब सीटी स्कैन, ब्लड टेस्ट और एंटीबाडी टेस्ट में भी कई निजी लैब मनमानी फीस वसूल रहे हैं। हालत यह है कि अभी निजी जांच में सीटी स्कैन दो हजार से बाइस सौ रुपया तक में होता है अब चार से साढ़े चार हजार रुपया तक जांच शुल्क वसूल किए जा रहे हैं।

कोरोना के नए स्ट्रेन के कारण अक्सर संक्रमित एंटीजन किट से जांच में निगेटिव आ जाते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमित होने के कारण संक्रमण फेफड़ों को डैमेज कर रहा है। इससे डॉक्टर संदिग्ध मरीजों को सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं। कोरोना का संक्रमण बढ़ने के बाद सीटी स्कैन करवाने वालों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा सात से आठ गुना बढ़ गई है। वैसे तो जिला अस्पताल में निश्शुल्क सीटी स्कैन किए जा रहे हैं, लेकिन संक्रमण के खतरे से बचने के लिए लोग निजी केंद्र की ओर अधिक भाग रहे हैं। सीटी के लिए लोगों की भीड़ का फायदा जिला अस्पताल के आसपास संचालित कुछ निजी जांच केंद्र उठा रहे हैं। किसी का रेट चार हजार तो कोई साढ़े चार हजार वसूल रहा है। भीड़ का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में पंद्रह दिन पूर्व तक पांच से छह सीटी स्कैन हो रहे थे अब 15-29 हो रहे हैं। यही हाल निजी लैबों का है, वहां भी 20-30 सीटी स्कैन प्रमुख लैब में हो रहे हैं। एंटीबाडी टेस्ट का पहले पांच से छह सौ रुपया पड़ता था अब निजी केंद्र एक हजार से बारह सौ तक ले रहे हैं। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आलोक पांडेय ने बताया कि कोरोना का नया स्ट्रेन सीधे फेफड़ों पर असर डालता है। सीटी स्कैन हो जाने पर इलाज करने में आसानी होती है। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि जल्द ही डीएम से बात कर प्राइवेट लैब में सीटी स्कैन और एंटीबाडी टेस्ट के रेट निर्धारित कराऊंगा।

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