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UP News: कार के अंदर बोरी में बंद कर ले जाए जा रहे थे 15 लंगूर, पुल‍िस ने ली तलाशी तो उड़े होश; दो ग‍िरफ्तार

उन्नाव-हरदोई मार्ग पर गंदा नाला पुलिया के पास सोमवार शाम चेकिंग के दौरान मुखबिर से जानकारी मिली कि एक अर्टिगा कार में बेहोश कर लंगूर ले जाए जा रहे हैं। कोतवाल ने पुलिस बल की मदद से बैरियर लगाकर कार रोक ली और दो तस्करों को पकड़ लिया। तलाशी के दौरान कार में तीन बोरियों में बंद बेहोशी हालत में 15 लंगूर मिले।

By Mohit PandeyEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Mon, 06 Nov 2023 08:15 PM (IST)
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कार में बेहोशी हालत में 15 लंगूर बरामद कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
संवाद सहयोगी, सफीपुर। जिले में काले मुंह के बंदरों की तस्करी का मामला सामने आया है। सफीपुर पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान अर्टिगा कार में बेहोशी हालत में 15 लंगूर (काले मुंह के बंदर) बरामद कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। तस्कर रायबरेली जिला के भोजपुर क्षेत्र से लंगूरों को पकड़कर संभल जिला के पनापुर गांव ले जा रहे थे। वन विभाग की टीम द्वारा जांच के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपितों को जेल भेजा है।

सफीपुर कोतवाल श्याम नारायण सिंह उन्नाव-हरदोई मार्ग पर गंदा नाला पुलिया के पास सोमवार शाम चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान मुखबिर से जानकारी मिली कि एक अर्टिगा कार में बेहोश कर लंगूर ले जाए जा रहे हैं। कोतवाल ने पुलिस बल की मदद से बैरियर लगाकर कार रोक ली और दो तस्करों को पकड़ लिया। तलाशी के दौरान कार में तीन बोरियों में बंद बेहोशी हालत में 15 लंगूर मिले।

आरोपितों ने अपना नाम जनपद संभल क्षेत्र के बहजोई क्षेत्र के पवांसा गांव निवासी राजकुमार व इसी क्षेत्र के गांव सिहोरी निवासी देशराज सिंह बताया। उन्होंने बताया कि संभल जिले का अर्जुन कंजड़ गिरोह का सरगना है। उसने रायबरेली क्षेत्र में भी अपना गिरोह फैला रखा है।

गिराेह के सदस्य बंदरों को पकड़ते हैं, और अर्जुन को सौंप देते हैं। अर्जुन लंगूर को कार से संभल पहुंचाने के नाम पर हम दोनों को एक चक्कर से 15 हजार रुपये देता है। पुलिस ने दोनों आराेपितों पर वन्य जीव संरक्षण व भारतीय वन्य जीव अधिनियम के अलावा पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया है। कोतवाल श्याम नारायण सिंह ने बताया कि विवेचना में अर्जुन समेत गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम शामिल किए जाएंगे। इनकी तस्करी किस कार्य के लिए होती है, यह अर्जुन की गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा।

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पुलिस से बचने के लिए लग्जरी वाहन का करते थे प्रयोग

पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि पुलिस की चेकिंग से बचने के लिए वह लग्जरी कार का प्रयोग करते थे। लग्जरी कार को पुलिस रोकती नहीं है। इसलिए यहीं वाहन लंगूरों को संभल तक पहुंचाने में प्रयोग करते थे। आरोपितों ने बताया कि सरगना अर्जुन ऊंचे दामों पर लंगूर को बेंचता है। रिहायसी इलाकों में छोटे बंदरों को भगाने के लिए इनको खरीदा जाता है। वहीं वन विभाग के जानकार बताते हैं कि लंगूर का मांस व हड्डी बिक्री होती है। पुलिस ने कार सीज कर उसके रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर मालिक की भी तलाश शुरू की है।

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कार से लंगूर की ले जा रहे थे दूसरी खेप

पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि अर्जुन के कहने पर रायबरेली के भोजपुर क्षेत्र के सरैया से बोरी में बंद इन लंगूरों को कुछ लोगों ने कार में रख दिया था। अर्जुन भी साथ था पर रास्ते में उतर गया और दूसरे वाहन से संभल पहुंचने के लिए कहा। हम दोनों कार से बंदरों को लेकर संभल जा रहे थे।

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