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Unnao Accident Inside Story: 'मेरे मम्मी-पापा और…, कोई मिला दो', हादसे में उजड़ गया पूरा परिवार; बचे लोगों ने सुनाई आपबीती

Unnao Accident बिहार से नई दिल्ली जा रही स्लीपर बस में बैठे 55 यात्री करीब 550 किमी का सफर तय कर चुके थे। सभी चैन की नींद सो रहे थे। लेकिन अचानक ऐसा कुछ हुआ कि कुछ जिंदगियां काल के गाल में समा गईं। चालक की सीट की ओर जो जैसे लेटा और बैठा था वैसे ही बस के मलबे में दब गया।

By Mohit Pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 10 Jul 2024 09:54 PM (IST)
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उन्नाव बस हादसे में बचे लोगों की जुबानी
जागरण संवाददाता, उन्नाव। Unnao Bus Accident News: बस हादसे में एक 17 वर्षीय किशोर को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। दर्द से कराह रहे इस किशोर ने अपना नाम दिलशाद बताया। हादसे के बाद उसकी वेदना आंखों से आंसू बनकर बह रही थी।

बोला वह बिहार के पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) के गांव फिनहारा का मूल निवासी है। कई साल से पिता अशफाक, मां मुनचुन उर्फ रूबी, छोटे भाई साहिल, सुहेल, बहन गुलनाज व चाचा-चाची के साथ मेरठ के मोदीपुर क्षेत्र के दोड़ाली कस्बा में किराए का मकान लेकर रह रहा था। पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं।

मंगलवार को बिहार से मेरठ के लिए था निकला परिवार

बिहार स्थित गांव में उसकी कुछ जमीन है। जहां नए मकान का निर्माण कराने के लिए 14 जून को वह पूरे परिवार के साथ बिहार गया था। मकान का लिंटर पड़ने के बाद मंगलवार शाम वह परिवार के साथ बस से मेरठ के लिए निकला था। इसके बाद हादसा हो गया।

वह बार-बार अपने माता-पिता व दो सुहैल, बहन व चाचा-चाची को देखने की इच्छा जता रहा था। वह इस बात से बिल्कुल अन्जान था कि बस हादसे ने एक तीन वर्षीय भाई साहिल को छोड़ पूरे परिवार को निगल लिया। शाम करीब छह बजे पहचान के लिए पुलिस उसे पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया, जहां सभी के शव देख वह गश खाकर गिर गया। पुलिस ने उसे संभाला और पहचान करवा फिर से जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

मां का आंचल बना कवच, बच गई मासूम सनाया की जान

बस में बिहार के सिगौली मुलहारी के आमिर खान गांव निवासी शबाना ने बताया कि पति शहजादे की मौत के बाद वह अपनी 20 वर्षीय बेटी नगमा, बहू चांदनी के साथ करीब 20 साल से नई दिल्ली के फजलपुरा गामरी में किराए का कमरा लेकर रह रही है और बर्तन धोकर व झाड़ू-पोछा कर गुजारा चलाती है।

बेटी चांदनी के लिए उसने बिहार के पूर्वी चंपारण के जिधारा में रिश्ता देखा था। रिश्ते की बात पक्की करने एक सप्ताह पहले बेटी बहू के साथ गांव आई थी। एक साल के अंदर शादी की बात पक्की होने पर वह मंगलवार को फिर से बस से दिल्ली के लिए चली थी।

बहू की गोद में नौ माह की पौत्री सनाया थी। बस हादसे के बाद सनाया बाल-बाल बच गई। अन्य सभी घायल हो गए। जिला अस्पताल में सनाया की मां बिस्तर पर लेटी थी, जबकि दादी शबाना उसे गोद में लिए थी। बच्ची को देख स्टाफ नर्स ने नई बोतल और दूध मंगा उसे पिलाया। शबाना की बात सुन हर कोई यही कहता रहा कि मां चांदनी का आंचल बच्ची के लिए सुरक्षा कवच बन गया।

क्षत-विक्षत शव व घटना का मंजर देख बेहोश हुआ पुलिस कर्मी

हादसे के बाद बांगरमऊ सीएचसी को मिनी ट्रक में रखवाया जा रहा था। बांगरमऊ कोतवाली के सिपाही राममिलन सोनकर को भी इस कार्य में लगाया गया था। हादसे का मंजर व क्षत-विक्षत शव देखने के बाद शव लादते समय उसका ब्लड प्रेशर लो हो गया और वह चक्कर खाकर बेहोश हो गया। अन्य पुलिस कर्मियों ने उसे तुरंत सीएचसी पहुंचाया।

1100 किमी का सफर तय करने में महज एक चालक

स्लीपर बस बिहार से मंगलवार शाम चली थी। जिसे नई दिल्ली तक करीब 1100 किमी का सफर तय करना था। इतना लंबा सफर तय करने के लिए बस में एक चालक की ही तैनाती थी। उसके साथ दूसरा हेल्पर मौजूद था। 550 किमी की दूरी तय करने के दौरान चालक के शराब के नशे, ओवर स्पीड व लापरवाही में बस हादसे में उसके साथ 17 अन्य की जान चली गई।

घटनास्थल देखने के बाद सीएचसी फिर जिला अस्पताल पहुंचे एसपी

हादसे की जानकारी होने पर एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना पहले घटनास्थल पर पहुंचे। वहां के हालात देखने और हादसे के संबंध में जानकारी लेने के बाद बांगरमऊ सीएचसी पहुंचे। यहां गंभीर घायलों को तुरंत जिला अस्पताल के लिए रेफर करा एंबुलेंस के जरिए भेजवाया। इसके बाद खुद जिला अस्पताल पहुंचे और घायलों को समुचित इलाज का भरोसा दिया।

अन्य साधन से यात्री हुए रवाना

हादसे के बाद जिन यात्रियों को मामूली चोट आई थी वह दूसरे वाहन से गंतव्य को चले गए। दिल्ली के रहने वाले मुहम्मद उर्शेद के रुपये बस में कहीं गिर गए थे। इस पर एक पुलिस कर्मी ने उसे 200 रुपये अपने पास से देकर अन्य बस में बैठाया।

खंती में बहा टैंकर में भरा दूध

टक्कर के बाद दूध लदा टैंकर बीच एक्सप्रेसवे पर पलट गया जिससे उसमें भरा दूध एक्सप्रेसवे से बहते हुए नीचे खंती में भरने लगा। पुलिस के टैंकर सीधा कराने के बाद कुछ दूध बहन से बच सका। वहीं बस का सामान निकालने के दौरान पुलिस को एक पालीथिन व कागज में कुछ गांजा बरामद हुआ।

अपने सामान को ढूंढते रहे बचे यात्री

बस हादसे में मामूली रूप से घायल यात्री काफी देर तक दहशत में कांपते रहे। इसके बाद उन्हें अपने सामान की याद आई। सभी पुलिस की मदद से बस में अपना सामान ढूंढते रहे। वहीं बिहार के मिथरी नवासी घायल राज डेप्सा ने बताया कि उसकी बैग बस में खो गई, जिसमें दो लाख रुपये थे।

एक परिवार के तीन लोग घायल

बस हादसे में शिवहर बिहार निवासी लालबाबू दास और उनके दो बेटे राम प्रवेश व भारत भूषण भी गंभीर रूप से घायल हो गए। भरत भूषण का कहना था कि हम सभी गहरी नींद में थे अचानक तेज आवाज के साथ आंख खुली तो हर तरफ घायल ही घायल नजर आए।

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